Author: vivekmishra.jnp
वही सुबहें , वही रातें वही रिश्ते , वही नाते । वही मंजिल वही राहें वही हसरत ,वही चाहें । वही लोग ,वही बातें वही मजूरी , वही खाते । …
दलित शब्द इस देश का वह अभिशप्त तमगा है जो एक बार माथे पर लग गया तो सात जन्मों तक हट नहीं सकता ।जिसके नाम के साथ जुड़ गया …
फ़र्क मिट नहीं सकता दूरियाँ सिमट नहीं सकती । फासले कम नहीं हो सकते कुरीतियाँ ढह नहीं सकती । अपनत्व आ नहीं सकता अहं जा नहीं सकता । …
होड़ सी लगी है, उस अदृश्य तक पहुँचने की। वहां तक पहुंचे तो कहीं, और गन्तव्य पर चल पड़े। रास्ते बदले, मंजिले बदलीं, और बदल गए जीने के मायने। …