Author: Vijay Nama
सबसे प्यारा तू ही मेरे यार, बेइंतहा महोब्बत करते हैं तुझसे यार, तू है तो है मेरे इस जीवन का सार, जिसमे भरा तुमने बहुत सारा प्यार, उम्मीदें दिल …
वो तेरा हंस के खिलखिलाना दौड़ कर जाना मुड़कर मुस्कुराना मेरी ओर देखकर शरमाना भी एक अदा है तेरी …….. वो मेरे पास बैठना मुझसे मुंह मोड़ना मेरी उस …
दिन और रात एक बहाना है जीवन में सुख-दुःख तो आना जाना है बीते दिनों को फिर से दोबारा इतिहास बनकर दोहराना है असफलता भरे दिनों को देखकर दोबारा …
इस देश के कण कण को प्रणाम करता हूँ भारत माता को सलाम करता हूँ नहीं करता परवाह में किसी की पर हर सेना की टुकड़ी को सलाम करता …
शब्द की कोई पहचान नहीं हैं पर हर एक पहचान के लिये शब्द जरुर हैं शब्द ही है जो तारीफ सुनवाता है शब्द ही है जो अपशब्द सुनवाता है …
अहसास भी बड़ा अजीब है होता बड़ा करीब है हो भले ही हजारों सुख करीब हमारे फिर भी पिछले दुखों का अहसास जरुर होता अंदर हमारे चाहे हो दुखो …
हुआ फिर से ये सवेरा, फिर जीवन यूँ ही मुश्किलों से घिरा… दिनभर क्या होगा, कैसे कटेगा दिन ये सारा ….. यही सोच कर बार बार, घटता जीवन हमारा …
हमको इस दुनिया में लाती है माँ … प्यार से खिलाती और सुलाती है माँ … अंगुली पकड़ कर चलना सिखाती है माँ … बोलना, पढ़ना, लिखना सिखाती है …