Author: सुरेश जादव
अच्छा लगता है ************ तुझ पर कोई ग़ज़ल बनाना, अच्छा लगता है। उनको ही फिर तुझे सुनाना, अच्छा लगता है। तस्वीरों से बातें कर कर, अरसा बीत …
हमको क्या ********* मिट्टी के तुम ख्वाब बना लो, हमको क्या उस पर सारे रंग सजा लो, हमको क्या। असली फूलों से महकेगा, गुलशन तो कागज पर …
गर है तो है ******* जिक्र तेरा शाम ओ सहर, गर है तो है। दुनिया भर को ये खबर, गर है तो है। मौसम की रंगीनी देखकर, हैरां हूं …
सुरेश के दोहे ************* प्यार मुहब्बत सच यहाँ, झूठा लव जिहाद। नफरत फ़ैलाने लोगो ने, शब्द किया ईजाद।। * जाति धर्म के भेद को, गढ़ता है इन्सान। नानक ईसा …
1 तुम्हारे बिन खनके ना कंगन चूड़ियाँ चुप 2 है प्रेम रोग लगे दवा ना दुआ मुश्किल बड़ी 3 दिल ना लगे किये जतन लाख पास ना पिया 4 …
कलम (1) कलम धार तलवार से तेज़ कलम वार (2) कूची कलम अस्त्र अभिव्यक्ति के पैने बहुत (3) कलम बल क्रांति तख्ता पलट तारीखें साक्षी (सुरेश जादव)
मेरे मुक्तक-2 साँच को कैसी आँच । फिर भी होती जाँच । जाँच की आँच में, छुप जाती है साँच । (suresh) ——– भाईचारा चाहता हूॅ, अमन चाहता हूॅ …
चाँद “”” छिप जाता है जब जब सूरज तब रोशन हो जाता चाँद। मधुर चांदनी की शीतलता धरती पर फैलाता चाँद । बचपन में बालक को ये मामा बन …
तू अगर है तो वज़ूद, दिखाता क्यों नही । मासूमों को हैवानो से, बचाता क्यों नही । दुष्कर्म कर पेड़ों पर, लटका देते है जो । ऐसे दरिंदो को …