Author: sumit jain
सभी जगह एक ही बात कोरोना कोरोनास्कूल की होगई छूटी छूटी डरो ना डरो नाकोरोना से नहीं होना है भयभीत भयभीत डरो ना डरो नाकोरोना कोरोना डरो ना डरो …
संत खेले होली सघन वन मेंअकेले वन में, मधुवन मेंआज मची है धूम रंगों कीलगे उत्सव ये रंगों काइस सघन वन में,मधुवन में वे बसते है चैतन्य गुफा मेंवे …
में आत्मा हु ???में भी शरीर की कैद में हु…छटपटा रही है आत्मामानो पकड़ बहुत मजबूत हैपर निकल नहीं पाती माया की बेड़ियो मेंरिश्तो के जंजाल मेंमोहब्बत के फ़सानो …
चलो होली खेलेसुबह की भोर सेसूर्य की पहली किरण सेलगाना है रंग हरेक कोये उत्सव है होली का आओ, देखो रे देखोलाल-गुलाबी पिले-नीलरंगों से डूबा है आसमानहो रही है …
ना मालूम क्योंबैठजाता हुमिट्टी केबिछोने परअक्सर मेंना मालूम क्योंसौंधी खुशबूमिट्टी कीभाती हैमेरे मन कोना मालूम क्योंये मिट्टीलगे अपनीसी कोई कहे लाल तोकोई कहे कालीकोई कहे उपजाऊ तोकोई कहे अनमोलकोई …
दोस्ती साथ है तो किसका डर हैदोस्त है तो यह जहाँभी सुन्दर हैदुश्मन तो कई है हमारेडर है दोस्त ना रूठ जायेनिभाए दोस्ती ऐसी कीमुश्किल लगे दुनिया छोडनासाथ हो, …
मन की महिमाकेवल मन ही जानेपागल है ये मनबावरा है ये मनएक है यह मनजहा चाहे ये मनवहा लगावेन है अंकुश कोईइस मन परभागे सरपट ये मनयहा से वहाकोई …
फिर पेश हुआबजट पहलानोटबंदी के बाद चर्चा है चारो औरखबर है मानोटी.वि कीये बजट हैआम आदमी काकरे कामझटपटक्यों नष्टकरे समय फिर पेश हुआदेश का बजट विषय है चर्चा कापक्ष …
सुबह पोह फटने के साथचिड़ियों की चहचहाट के साथफूलों की खुशबू के साथनदी की लहरों के साथमंदिर की घंटी के साथबादल को चीरता हुआसंपूर्ण भारत को रोशन करता हुआआया …
छाया है तिमिरचारो औरउदासीनता हैजीवन मेंकही ग़म है तोकही खुशियाँ हैकभी है धूप तोकभी है छाँवबीता जाता हैये जीवन जब जब मेंखंगेलु जिंदगी केपूर्व पन्नो कोआती है यादेउमड़ उमड़ …
रात की चादर ओढ़स्वप्न करते हैचहल-पहलरंग बिरंगी बग्घी में बैठगुफ़्तगू करते हैहवाओ सेदी है दस्तक रंगीन लोक मेंये बिखरते है रंगतरह तरह केभीड़-भाड़ हैरंगीन स्वप्न कीहर कोई कहते हैअपनी …
में चल पड़ा हुएक अनजान सफर परन मालूम कहा है मंजिलन मालूम कहा है ठिकानारहा में न है कोई राहीबस अकेला चलता जा रहा हुअँधेरा है चारो औरसुनसान है …
खुशियों के माहौल में जन्माहर कोई मुझे खिलायासबकी चाहत बन जाताकभी रोता तो कभी हस्ताफिर उसी में रम जातामाँ कि लोरिया सुनतेमेरा बचपन यु ही गुजर जाताजब से जन्मातब …
त्यौहार है पतंगों काअम्बर है हवाले पतंगों केमेला है रंग बिरंगी पतंगों कामहक है हवाओ में रंगों कीउत्साह है नई बेला काहाथो में है फिरकीफिरकी से लिपटी है डोरडोर …
मकर संक्रांतिभारत के हिन्दुओ काजन जन कासुख का समृद्धि कादान का पूजा कास्नान का खुशियो कातिल-गुड़ का पतंग कात्यौहार है ये तो उत्सव काठंडी की यह सुबहसूर्य की हलकी …
मत छीनो ये बचपनन मालूम कब बीत जायेगाभूल गए है खेलकूदन मालूम कब खेल पायेगाफस गया है इछाओ के भवर मेंन मालूम कब निकल पायेगामत थोपो हसरते उनके कंधो …
खाली है कुछ पन्ने जिंदगी केकलम की काली स्याही सेहर रोज भरता हु इन पन्नो कोफिर भी खाली है पन्नेहर रात उठता हु सौ करसुबह के इंतजार मेंसोचता हु …
जब से आते है सपनेमे सपनो के बिच घिरा पायान जाने कब सेहर रात संजोता हु नव सपनासपना होता है सबका अपनावो गुच्छा है भिन्न-भिन्न कल्पनाओ कासजा हुआ है …
में रहा में चलता चला जा रहा थाकुछ दूर ही चल पाया थादेखा एक सुन्दर महिला कोदिल में अरमान मेरे जगे ही थेदुआ की ईश्वर से,उससे मिलने कीमें पहुचा …
तलाश है इस जीव कोमुकम्मल ख़ुशी पाने कीन जाने कबसे भटक रहा हैकभी उल्टा गर्भ मे कभी चौरसी भटकेकभी इस दर पे कभी उस दरकभी इस डगर पे कभी …
नही है युवा देहये तो अहसास है मन काविभिन्न चरणों में है देहबाधा नहीं ये अवस्थाकिन्तु असर है इस मन पर भीबंद नहीं है खिड़की-दरवाजेबंद नहीं है विचारबांधा नहीं …
धागा है तो वस्त्र हैआटा है तो रोटी हैप्रेम है तो प्यार हैबीज है तो अंकुरित हैकारण है तो कार्य हैसंसार है तो परावर्तन हैकर्म है तो जन्म मरण …
इस निराश से भरे जीवन मेंअशान्त से भरे मन मेंअनुभूति है सुख-दुःखजन्म-मरण के चक्र मेंमानव की मानवताखो गई है कदाचित भीड़ मेंअंकुर फूटेगा जिसका पुनः एक दिनशेष है बीज …
New Dawn, New BeamNew Day, New SmileNew Journey, New ThinkingNew Vigor, New HopeNew Enthusiasm, New ProspectNew Confidence, New HappinessNew Year, New EgressThe New Agile of LifeNew Fragrance, New AirNew …
नए साल कीपहली किरणबेरंग निशा केतिमिर को चीरती हुईदेदीप्यमान कर देगीजीवन के नविन सफर कोतेज होगई है धड़कनमच गई है हलचलचारो ओर है शोर ओ ग़ुलउड़ गई है मेरी …