Author: प्रजापति 'ओम'
चलो सहेली, चलो रे साथी, ओ पकड़ो-पकड़ो रे इसे न छोड़ो, अरे बैंया न मोड़ो ज़रा ठहर जा भाभी, जा रे सराबी क्या ओ राजा, गली में आजा होली …
न जाने मेरे दिल को क्या हो गया अभी तो यहीं था अभी खो गया हो गया है तुझको तो प्यार सजना लाख कर ले तू इनकार सजना दिलदार …
हुस्न के लाखों रंग कौन सा रंग देखोगे आग है ये बदन कौन सा अंग देखोगे गालों के ये फूल गुलाबी इनकी रंगत क्या जानो होंठों के दो जाम …
हाय शरमाऊँ, ओए ओए हाय शरमाऊँ, किस किस को बताऊँ ऐसे कैसे मैं सुनाऊँ सब को अपनी प्रेम कहानियाँ, अपनी प्रेम कहानियाँ बालम की, बालम की हाय तीन निशानियाँ …
हवा के साथ साथ घटा के संग संग ओ साथी चल मुझे लेके साथ चल तू यूँ ही दिन-रात चल तू सम्भल मेरे साथ चल तू ले हाथों में …
हम यहाँ तुम यहाँ दिल जवाँ वो समाँ लेकिन कहाँ शुरू-शुरू के प्यार का फिर से चलो चुराएँ दिल यार का हम यहाँ तुम यहाँ दिल जवाँ वो समाँ …
हम बेवफ़ा हरगिज़ न थे पर हम वफ़ा कर ना सके हमको मिली उसकी सजा हम जो ख़ता कर ना सके कितनी अकेली थी वो राहें हम जिनपर अब …
हमें बस ये पता है वो बहुत ही खूबसूरत है लिफ़ाफ़े के लिये लेकिन पते की भी ज़रूरत है हम ने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा ऐ …
कि : हम दोनों दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले को : ऐ बाबू कहाँ जइबो रे ल : हम दोनों दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले …
हम तुम युग युग से ये गीत मिलन का गाते रहे हैं गाते रहेंगे हम तुम, जग में जीवन साथी बनकर आते रहे हैं, आते रहेंगे हम तुम … …
बाहर से कोई अन्दर न आ सके अन्दर से कोई बाहर न जा सके सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो हम …
हम को हमीं से चुरा लो दिल में कहीं तुम छुपा लो हम अकेले खो न जायें दूर तुम से हो न जायें पास आओ गले से लगा लो …
हमको मोहब्बत ढूंढ रही थी नाम पता सब पूछ रही थी हमको मोहब्बत … तेरी कसम ओ तेरी कसम हम पकड़े गए हैं हथकड़ियों में जकड़े गए हैं हमको …
कोशिश कर के देख ले दरिया सारे नदिया सारी दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती है हर चिंगारी सोलह बरस की बाली उमर को सलाम ऐ प्यार! तेरी पहली …
सावन का महीना, पवन करे सोर पवन करे शोर पवन करे सोर पवन करे शोर अरे बाबा शोर नहीं सोर, सोर, सोर पवन करे सोर हाँ, जियरा रे झूमे …
र : सारे शहर में आपसा कोई नहीं, कोई नहीं आ : सच र : सारे शहर में … आ : यही सोचकर रात भर मैं सोई नहीं, सोई नहीं र : सारे शहर …
सामने ये कौन आया दिल में हुई हलचल देख के बस एक ही झलक हो गये हम पागल बातें मुलाक़ातें तो होंगी हम से भी वो हम पे खुलेंगी …
र : साथिया नहीं जाना के जी ना लगे मौसम है सुहाना के जी ना लगे साथिया नहीं जाना … ल : साथिया मैने माना के जी ना लगे जी को …
समा है सुहाना सुहाना नशे में जहाँ है किसी को किसी की खबर ही कहाँ है हर दिल में देखो मोहब्बत जवाँ है कह रही है नज़र नज़र से …
अमित: सनम मेरे सनम, कसम तेरी कसम मुझे आजकल नीँद आती है कम अल्का: सनम मेरे सनम, कसम तेरी कसम तेरे लिए हुआ, जनम मेरा जनम महक रहा है …
हाँ …, सच्चाई छुप नहीं सकती, बनावट के उसूलों से कि खुशबू आ नहीं सकती, कभी कागज़ के फूलों से मैं इन्तज़ार करूँ, ये दिल निसार करूँ मैं तुझसे …
संग बसंती अंग बसंती रंग बसंती छा गया मस्ताना मौसम आ गया संग बसंती अंग … धरती का है आँचल पीला झूमे अम्बर नीला\-नीला सब रंगों में है रंगीला …
वादा करे ले साजना तेरे बिना मैं न रहूँ मेरे बिना तू न रहे हो के जुदा … ये वादा रहा, न होंगे जुदा ये वादा रहा वादा करे …
बिछड़े अभी तो हम बस कल परसों जियूंगी मैं कैसे इस हाल में बरसों मौत ना आये तेरी याद क्यों आये? हाय, लम्बी जुदाई चार दिनों का प्यार, हो …
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है फिर वो झड़ी है वही आग फिर सीने में जल पड़ी है लगी …