Author: Shabnam
तुम महज़ मेरी कविता नहीं होयह कुछ जज्बात है मेरेतुम महज़ कागज़ पर सहायी की छाप नही होयह कुछ खयालात है मेरेतुम्हे सोचकर लिखा गया कोई व्यंग्य नही हैयह …
आज जब वो बरसो बाद फिर आयातो मैने भी आपनी ख़ुद्दारी दिखाईना आँखो से आँसू छलकेऔर ना होठो पर मुस्कान आई Оформить и получить экспресс займ на карту без …
सुहाना सा सफ़र है मेरी किस्मतऐसा लगता है मानो मिल गई है जननतकोई आरज़ू अब बाकी नहीं हैहर ख़ुशी ने दी है दस्तकखुदा लफ़्जॊ मे क्या बयां करू उसेजिसकी …
क्या मै इज़हार ऐ मोहब्ब्त करूखुद ही बिखरी हुई हुक्या तेरे दिल मै जगह बनाऊखुद ही टूटी हुई हूसारी तारीफे मोहब्ब्त की हुईपर केसे मै सबको बतलाऊबस एक अन्धेरा …
क्या लिखू मै,लिखने के लिए अल्फाज़ नहीं हैलो आज सारे दुःख मिटाकर चलते है क्षितिज परजीवन के एक सुहाने सफ़र परजहाँ ना तेरा कुछ होना मेरा कुछ होआशा का …
मौत और जिंदगी दोनो ही मेरे साथ खड़े हैकिस राह पर मै जाऊ ,जिसे समझा था अपनाआज वो ही मुझे तनहा करके चला गयाइस हसीं सफ़र को लिखा मेने,पर लेखक …