सच्चाई samitinjayshukla 19/06/2020 अज्ञात कवि No Comments सच्चाई एक छत्ता हैहमें चुन – चुन के रस भरना हैखट्टे मीठे तीखे कसैले हैं सब रंग तू तय करले तुझे कौन सा स्वाद चखना है सच्चाई…. Оформить и … [Continue Reading...]
प्रथम पहचान samitinjayshukla 19/06/2020 अज्ञात कवि No Comments ॥ प्रथम पहचान ॥ पहचान का मुखौटा भले दिखाई नहीं देता मगर जिस चेहरे पे है चढ़ताउस सिर पे है राज करता बहुत खामोशी से काम करता हैअपना ही … [Continue Reading...]