लेखनी मशाल है SAMAR NATH 06/12/2012 समर नाथ मिश्रा No Comments निज रश्मियां पुनीत ले, जो तिमिर को जीत ले. पथ प्रशस्त जो करे, वो लखनी मशाल है !! जो तीक्ष्ण तीव्र दक्ष हो, तटस्थ हो, निष्पक्ष हो, जो … [Continue Reading...]
पलकें SAMAR NATH 06/12/2012 समर नाथ मिश्रा No Comments दृग पट प्रिय पिटारी पलकें, पुलकित प्यारी प्यारी पलकें, नयनकेश के तीर सजाये, काम कमान तुम्हारी पलकें .. भोर पहर अलसायी पलकें, मन मोहिनी मदमायी पलकें, होगा ना … [Continue Reading...]