Author: rk pant
अब किस्से वो पुराने हो गये दूध के प्याले थे पैमाने हो गये आवाद बस्ति के वे घर सभी एक एक कर के मयखाने हो गये कैसे कहु के …
१-सच कहुँ तूने मेरे दिलको तो दुखाया था ये और बात है कोई गवाह नहीं है मेरा २-अजीब सा इत्तेफाक था हमारा मिलना भी यारो मौत का बुलावा आया …
बृन्दाबन औ मथुरा काशी गया प्रयाग हरिद्वार सभी तीरथ की महिमा न्यारी नमन मेरा बारबार पशुपतिनाथ गोसाईं निर्मल मन का भाव मझधार में उलझे जिनकी होती नय्याँ पार ये …
उन दरख्तों की बात ना ही करो तो अच्छा है, बहुत मन दुखाया है — पंछियों के मधुर गीत ,उन वादियों के मोहक नजारे, वे चीर के लंम्बे पेड …
१- अजीब उस मन्जर के बीच कारवाँ चलता गया होती गयी राह आसान मैं भी कुछ बदलता गया २- कम्बख्त तकदीर की भी कुछ मजबूरियाँ रही होंगी बरना तो …
१- देश आजाद हो रही सियासत क्युँ बरबाद २- मैल मन का भला नहीं करेगा मेरे वतन का ३- देश-भक्त हुँ लड्ने को तैयार हुँ सिपाही भी हुँ
भक्तों की भक्ति में बडा आनन्द आता है किशना मथुरा बृन्दाबन यहीं आनन्द आता है किशना कुछ बिनती मेरी भी सुनना फरियादें रही हैं मेरी तेरा हात सर पे …