Author: Rituraj Srivastava
अपनों के खारे बस्ती में, मन समंदर सा देखता हूँ,हूँ विस्तृत मैं शून्य में, कोई बवंडर सा देखता हूँ ,मेरे मन की तपिश का भला कोई दवा तो दे …
खुले मन से मैंने जो तुमसे कहा, शुक्रिया है तुम्हारा जो तुमने सुनाहवा भी बसंती जवां हो गयी, मेरी जिंदगी की सुबह हो गयी,जीवन के पतझड़ का अन्त हो …
तुंग शिखर पर दिव्य-आलोकित, भारत -भाल चमकता हैजलधि जिसके चरण पखारे,वह विश्व-गुरू प्रणेता हैजहां आंखों में ममता बसती है बांहो में कुटुंब समाता हैसंगीत जहां है रोम-रोम में भगवान …
आज याद आती है-पिताजी की वो बातेंथकान और तनावग्रस्त आकरलंबी सांसे ले बिस्तर पर ऐसे बैठनाजैसे-किसी परिंदे को मिला हो अपना बिछड़ा परिवारसुकून भरी शाम की चायऔरमाँ की ममतामयी …
आज मैंने देखा है-एक कली मुरझाई सीकैद स्वर्ण पिंजरे मेंथोड़ी क्षुब्ध थोड़ी शरमाई सी।आज मैंने देखा है-अंजन भरे लोचन सेस्वप्नाश्रु झरते हैंअधरों पर मुस्कान लाती हैवह बुलबुल घबराई सी।आज …
मन का तिमिर दूर होहृदय में उजियारा रहे ।मैं तेरा प्यारा रहूॅ तू मुझे प्यारा रहे ।चलो हर पथ को रौशन करें यूंक्या हिन्दु क्या मुसलमां रहे ।#ऋतुराज Оформить …
यशोधरा-वसुन्धरा पर आया नूतन वर्ष,आओ अभिनंदन करें।प्रेम-शांति के सुवास से महके जीवन-मनऐसा वंदन करें—ऋतुराज Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. …
प्रतीक्षा है मेरे मन मे तेरे कदमों की आहट कीबसा रखी है आॅखों में यादें मुस्कुराहट की प्रतीक्षा है मेरे मन मे तू वापस आयेगा लल्लामेरे आंसू सुनाते हैं …