Author: Raja Nitin Parihar
इच्छा ये तुम्हारी है देखो सब उजड़ते हुए फूल पत्ते पेड़ झड़ते हुए या नए पुष्प खिलते हुए उनपर भौंरे उड़ते हुए इच्छा ये तुम्हारी है ॥ १ ॥ …
मोहोब्बत प्यासी एक झलक ज़रा सी देखने को मचले सच की सीमायें पर चाहत मेरी सुहागन दासी चुप सब सहके भी प्रेम बरसाएँ आत्मा नभ की निर्मल निवासी सुनने …
हैफ हम जिसपे की तैयार थे मर जाने को जीते जी हमने छुड़ाया उसी कशाने को क्या ना था और बहाना कोई तडपाने को आसमां क्या यही बाकी था …
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला …
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे तव शुभ …
सुख दुःख दोनों रहते जिसमे जीवन है वो गाँव कभी धुप कभी छाँव कभी धुप तो कभी छाँव कभी धुप कभी छाँव कभी धुप तो कभी छाँव भले भी …
टूट गयी है माला टूट गयी है माला मोती बिखर चले दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले , टूट गयी है माला मिलन की दुनीया छोड़ चले …
आज के इस इंसान को ये क्या हो गया इसका पुराना प्यार कहाँ पर खो गया कैसी यह मनहूस घडी है, भाईओं में जंग छिड़ी है कहीं पे खून कहीं …
मुखड़ा देख ले देख ले मुखड़ा देख ले प्राणी ज़रा दर्पण में हो देख ले कितना पुन्य है कितना पाप तेरे जीवन में देख ले दर्पण में मुखड़ा देख …
कोई लाख करे चतुराई कर्म का लेख मिटे ना रे भाई कर्म का लेख मिटे ना रे भाई ज़रा समझो इसकी सचाई रे करम का लेख मिटे ना रे …
सूनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आयंगे छोडो मेहँदी खडक संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाये बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जायेंगे सुनो द्रोपदी …
पिंजरे के पंछी रे , तेरा दादर ना जाने कोए पिंजरे के पंछी रे , तेरा दादर ना जाने कोए बहार से तो खामोश रे है तू बहार से …
दूसरों का दुखड़ा दुर करनेवाले तेरे दुःख दुर करेंगे राम दूसरों का दुखड़ा दुर करनेवाले तेरे दुःख दुर करेंगे राम किये जा तू जग में भलाई का काम तेरे …
वन्दे मातरम्। सुजलां सुफलां मलय़जशीतलाम्, शस्यश्यामलां मातरम्। वन्दे मातरम् ।।१।। शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्, फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्, सुहासिनीं सुमधुरभाषिणीम्, सुखदां वरदां मातरम् । वन्दे मातरम् ।।२।। कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले, कोटि-कोटि …
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की, इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम … वंदे मातरम … उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट …
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के मंज़िल पे आया मुल्क हर बला को टाल के सदियों के बाद फिर …
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भग्वान कितना बदल गया इंसान , कितना बदल गया इंसान सूरज ना बदला , चाँद ना बदला , ना बदला रे …
आज हिमालय की चोटी से फ़िर हम ने ललकारा है दूर हटो ऐ दूर हटो ऐ दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान …