Author: premkumarjsmith
निर्दोष कई बर्षों से कारागार में है। चेतावनी लेकर अपराधी बाहर है। नेता जो कहते है वही सत्य है। लोगो का दुःख बेरोजगारी, गरीबी असत्य है। क्या यह गरीबतंत्र …
आकर तितलियां मेरी गालों पे बैठने लगीं हैं।झुर्रियां का फेरा समेटने लगी हैं।कुछ मधुकर मेरे कानों को गीत सुनाने लगे हैं।ये मेंढ़क भी मेरी चौखट पर टरटराने लगे हैं।मुस्कराता …
मैं जागूँगा अब से रातों में तुम सो जाना प्रिये!दुआ मागूँगा तुम्हारे लिए रब से ,तुम मुस्कराना प्रिये!!न कुछ कहूंगा तुमसे ,न कोई शिकायत है मेरी ,दिल पर हाथ …
जुवां की भाषा निरर्थक रही,दिल की जुवां को समझते हो तुम।वीरानियों में घिरुं मैं जब भी ,प्रेम की बारिश से बर्षते हो तुम।लड़खड़ाते हो ,गिरते हो ,बहकते हो जब …
किस तूफ़ान को देख डरा है तू !बिना खिवाए जो कस्ती तेरी किनारे पर लगा देगा।तू किस खुदा को बन्दे भूला है !बिन बताये जो अपना ,तेरे घर का …
ये खामोश निगाहें ये आपका खुद में ही उलझ जाना। ये मन के होठों से अपने दिल ए दिमागों में बात लाना। ये झुकी पलकें ,ये भवों का लचकते …
आपकी वाहों में अब पूरा समर्पण हैतुम हो जहाँ वहीँ मेरा जीवन है।आप में पाया हमने हमने अपना दर्पण है।कमियां दिखती नही हैं जिसमे मेरी ,नाराज़गियां छुपती नही है …
मुझे स्वर्ग सा महसूस होता है ,आपकी यादों में डूबता हूँ जब भी।मेरा दिल वाग वाग करता है ,आपके मन को स्पर्श करता हूँ जब भी।ये नयन कितना व्याकुल …
एक दूजे को मर मिटने को देखो कैसे बीज वो रहा।पल पल चढ़ते यौवन में हृदय कैसे गंबीर हो रहा।कैसे देखो लौ दीपक की ऊंचाई तक चढ़ने लगी है।कैसे …
सफर तनहा नही रहता संग तुम चलते हो जब भी।प्रेम बिखरा नही रहता मुझमे बसते हो जब भीतुम्हारे ख्वावों में आता हूँ ,मेरे ख्वावों में आ जाओ।मैं तुम में …
pyar ka humne bajood dekhA hai..do dilon ko sang dhadakne ka saboot dekha hai…dhundla tha thoda sa falak pe tika jab..pyar wale chand ka humne swaroop dekha hai… chandni …
भुला कर गिले शिकवे वो प्यार लाएगालालिमा अपने चहरे पर वो साथ लाएगाशीतलता से गर्म स्वभाव को ठंडा कर जायेगाआज घर पर हमारे भी चाँद आएगा साथ हूँ मै …
आकर तितलियां मेरी गालों पे बैठने लगीं हैं। झुर्रियां का फेरा समेटने लगीं हैं। कुछ मधुकर मेरे कानों को गीत सुनाने लगे हैं। ये मेंढ़क भी मेरी चौखट पर …
जब भी तुम्हारी चाहत में मै हद से ज्यादा डूब जाता हूं।कोई नयी पंक्ति की धुन को जब जब भी तुम्हे सुनाता हूँ।जब भी तुम सुनते-सुनते हँस कर चुप …
तुम्हारे ख्यालातों की डोर मैं तुमको दे नही सकता।नाराज हो कर भी मै नाराज तुमसे हो नही सकता।ये दूरी की साजिश है जो तुम हमसे रूठते हो ,ये तय …
रंग निराले दुनिआ के ,जो तेरी गोद से देखे थे। चढ़ती उम्र के सायों में जाने कितने बदल गए है। कभी चीख कर रोता था झट से उठा लेते …