Author: Prakash Tripathi
हमें किसी की जरुरत है ,आओ तो सही घर बिखरा पड़ा है अर्सो से ,सजाओ तो सही | बेवजह जल रहा है हर अंग जुगनुओ सा एक-एक करके उनके …
(१) इस जहाँ में आया हूँ,कुछ करके जाऊंगा जीवन के सारे बाधाओं से लड़ के जाऊंगा | जो लोग मेरी नाकामयाबियों पे हँसते हैं किसी दिन सफल हो उनके …
राज़ जो दिल में थी दबा दी गई क्या ज़िन्दगी के पन्नों से वो नाम मिटा दी गई क्या ? पहले तो ये इलाक़ा महकते रहता था वो बाग़ …
आज अचानक एक अजनबी से मुलाक़ात हो गई , आँखों ही आँखों में कुछ अलग सी बात हो गई | गजब की कसक थी उनके अंदाज़-ए-बयां की मेरे शुष्क …