Author: saurabh pandey
मैंने लकीरों को हथेलियों से फिसलते देखा, समय के साथ तस्वीरों को बदलते देखा, जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे, कश्तियों को डूबते, कभी लहरों से उभरते देखा, नन्हें परिंदों …
मैंने लकीरों को हथेलियों से फिसलते देखा, समय के साथ तस्वीरों को बदलते देखा, जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे, कश्तियों को डूबते, कभी लहरों से उभरते देखा, नन्हें परिंदों …
कल जब न तूं होगी, न तुझसे कोई सिकवा-गिला होगा, बस तेरी यादों का एक बिखरा हुआ सिलसिला होगा, दुनिया मजाक बनायेगी मेरा जब, तेरे प्यार में गिरकर मुझमें …
इश्क़ में कोई खोज नहीं होती यह हर किसी से हर रोज नहीं होती अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना क्योंकि पलके कभी आँखों पर बोझ …
दूर दूर रह कर भी हम कितने करीब हैं हमारा रिश्ता भी जाने कितना अजीब है बिन देखे ही तेरा यूँ मोहब्बत करना मुझसे बस तेरी यही चाहत ही …
गलत बन्दे से प्यार कर रही है वो….. मोहब्बत में कहीं हुस्न बरबाद ना कर ले …..!!
ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं; मुझे उसकी वफ़ा चाहिए किसी आम की नहीं; उसकी तो एक मुस्कराहट भी अनमोल थी; ये तमाम मुस्कुराहट किसी दाम की …
जाने वो कैसी होगी, थोड़ी ऐसी या थोड़ी वैसी होगी…………..!! तपती दोपहरी होगी, या चांदनी रात होगी, सावन की सुहानी बूंदे होगी, या बेमौसम बरसात होगी, जाने वो कैसी …
तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा, रात में जागूँगा, दिन में जागूँगा, हर-पल तेरी राह तकूंगा, तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा, मोमबत्तियां …
उनकी आँखें जब हमसे जुदा होने लगीं, घड़ियाँ कुछ पल के लिये रुक गयीं और सिसक कर रोने लगीं, मैंने बाहें भी फैलायीं उन्हें कुछ पल और रोकने के …
बीच में हमारा बंगला हो, चारों ओर हो फूलों की क्यारी, फूल सुगन्धित, फल मीठे हों, दिखे हरे घास की हरियाली, गाय, भैंस, हाथी, घोड़े हों, हम करें रथ …
आँगन और ओसारी में, कलरव करते कूं-कूं करते, पंछी पंख पसारे प्यारे, कितने सुंदर पुष्प हैं लगते, कभी फिर जब हवा बहती, फूलों की खुशबू से आँगन, पात-पात पीपल …
मिलना है, तुझसे जरूर चाहे चलते-चलते जिंदगी की आखिरी शाम आ जाये, शहर में अँधेरा हो पर मेरी आँखों में तेरे प्यार की रोशनी हो, ये काश मोहब्ब्त में …
क्या अजीब सी ज़िद है.. हम दोनों की, तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की.. और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की
मिलना है तुझसे जरूर चाहे चलते-चलते जिंदगी की आखिरी शाम आ जाए शहर में अँधेरा हो पर आँखों में तेरे प्यार की रोशनी हो, काश मोहब्बत में मेरे ओ …
मायूस ओ भी थे तो खुश हम भी न थे, रोये ओ भी तो चुप हम भी न थे, बंदिशों के बादल छाये रहे साया बनकर, पास ओ अब …
उदास रहता है मोहल्ले मै बारिश का पानी आजकल, सुना है कागज़ की नाव बनानेवाले बड़े हो गए है.
MILNA HAI TUJHSE JARUR CHAHE CHALTE-CHALTE JINDGI KI AAKHIRI SAAM AA JAYE, SAHAR ME ANDHERA HO PR MERI AANKHO ME TERE PYAR KI ROSHNI HO, AI KASH MOHABBAT ME …
MAYUS O BHI THE TO KHUSH HM BHI NA THE, ROYE O BHI THE TO CHUP HM BHI NA THE, BANDISO KE BADAL CHHAYE RHE SAYA BNKR, PASS O …