Author: nitesh banafer
जब दर्द फिसल कर उतरने लगते हैं पन्नो पेतब कर्ज़दार हो जाते हैं मेरे ये कलम,उन्हें आए दिन स्याहियां जो उधार लेनी पड़ती हैं .”Copyright” © ( नितेश बनाफ़र …
मुझे चुनो तुम, अगर तुम्हे इस भीड़ में एक खाली सा कोना रोने को मिले तो,अगर नींद में डूब जाने का डर सताए, तो मुझे चुनो तुम.अगर ये देख …
अगर कभी मेरी याद आए तो खिड़की से पर्दा हटाकर उस अधूरे चाँद को देख लेना,वो सिसकता हुआ तुम्हारे कदमो में उतरेगा, फिर मैं मिलूँगा तुम्हे उस चाँद की …
जब कभी खून की दरकार हो तो अस्पतालों में भटकने से अच्छा घर की दीवारों को कुरेद कर देख लेना ,वो तुम्हे वहां मिल जाएंगे,इन्हें कुछ मजदूरों ने कभी …
मुझे ज़िंदा रहने के लिए सांस नहीं चाहिएबस तेरे होने का एक एहसास चाहिए,तू गर बारिश भी हो जाए तो कोई गम नहीं,तुझमे उतरने को बस कागज़ की नाव …
न कोई खबर है उस पुराने मकान की,अब कोई नहीं रहता वहां, बस कुछ जालें होंगे हमारी यादों के. Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на …
कुछ मौत सी थी तेरी बेवफ़ाई,तन्हा हुए,फिर लौट आए हम खुद के पास. nitesh banafer (kumar aaditya) Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды …
बड़ी शिद्दत से करते हैं तुम्हारी मोहब्बत का कारोबार,पर शाम आते-आते मुनाफ़ा तो नहीं पर ख़ुद बिक जाते हैं. Nitesh banafer(kumar aditya) Оформить и получить экспресс займ на карту …
जब शहर कि रौनक को गाँव की खिड़की से देखता हूँ,एक बूढी औरत मेरे उतारे हुए पुराने दिन पहनकर अपना हर रोज़ काट रही है। nitesh banafer (kumar aditya). …
चला गया वो अब नहीं आएगा,एक हवा का झौंका था शायद,अब कहीं दूर समा जाएगा।हम 15 साल 15 महीने और 15 दिन साथ रहे,हम 15 साल 15 महीने और …
वो रस्ता है जो हस्ता है,हर पल मुझसे ये कहता है,आ बैठ ज़रा और देख ये धरा,मन के रंज मिटा दे ज़रा।इनसे निकलती कई गलियां हैंजिनमे खिलती कई कलियाँ …
यादों को टटोलता पूछे मेरा बस्ता , अब तो अरसा बीता,गए मुझे तेरी पाठशाला।लेकर गए मुझे तुम हर एक ओर,सुन भी चूका अब वो अनसुनी शोर,अब तो देख भी …
एक थी बिटिया,सोन की चिरैया,घर आँगन सुना कर उड़ चली वो गुड़िया।मौसम सी कली मन था केसरिया,खुशबुओं में रंग तलाशती हर वो दूसरी गलियां।सपनो के बीज् से,खिलाती आशाओं की …
कुछ मौत सी थी तेरी बेवफ़ाई,जो यूँ तन्हा हुए फिर लौट आये हम खुद के पास.नितेश बनाफर(कुमार आदित्य) Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые …
कोई संग रहा ना मेरे पर मैं अंग हूँ,कोई रंग रहा ना मेरा पर मैं सतरंग हूँ।मैं नभ हूँ या धरा, जो हवाओ में जकड़ा हूँना शीश मेरी न …
मेरे घर में सिसकते इस पुराने दरवाज़े की अब उम्र हो चली है,अपनी हर आख़िरी साँसों की एवज में ये टूटते बिखर रहे हैं.ये चौखट भी अब इस बूढ़े …
मैंने कल रात इन सर्द हवाओं को अपने अंदर झाँकने दिया, कुछ दर्द के रेत थे वहां जिन्हे मेरे बीते हुए गम के आंसूं बिखरने से रोक रहे थे.पछतावे …
चुने मैंने ……. चुने, मैंने ख्वाबों के हैं पर चुने , सुने, मैंने ख्वाहिशों के हैं धुन सुने . कुछ ना कहा फिर भी सुना ,मन ये अक्सर बहता …
भीगी भीगी अंधियारी में आओ सैंया मोरे , न तड़पाओ जिया हमार हो न जाए भोरे . दीदार दर्पण से कर भी लेते तुम्हारा , अब तो दर्पण भी …
ना जाने उस कविता का रंग क्या था, ना जाने उसका वो उमंग क्या था, दिल ढूंढ रहा है आज उसे पुराने पन्नो में, कहीं वो शब्द मेरे रूठे …
मुसाफिरों कि इस दुनिया में,क्या खोएगा क्या पाएगा , मुसाफिर बन आया था,मुसाफिर बन चला जाएगा . मुसाफिर हुँ मैं , मुसाफिर है तू जाने इस दुनिया के कैसे …
अधूरे से तुम , अधरे से हम , पर है पूरा ये भीगा मौसम . सुनते ना तुम , सुनते ना हम , पर अक्सर कुछ कहता ये भीगा …
जिंदगी है धुँआ,बेशक्ल सा धुँआ, आग नहीं सुलगता, फिर भी जलता है धुँआ इसकी राह है धुँआ,मंजिले है धुँआ , रात है इस जिंदगी में, फिर भी दीखता है …
अकड़म बकड़म चुनाव का चक्रम , फेकू गए है भोपालपटनम , इकडम तिकड़म भ्रस्टाचार का जकडऩ , पप्पू पर पड़े ओले बेमौसम . कुछ कम कम,कुछ बम बम , …
ऎ खबर तू ज़रा, तू ज़रा बेह जा, अश्क बनकर इस दिल से उस दिल में रेह जा. मैंने पूछा था तेरी कश्ती से, तू ये पैगाम ज़रा तुझ …