Author: Neelkamal Vaishnaw
एक अहसास होने लगा है मुझे कि अब वो मुझे भूलने लगी है, लगता है कि मेरी साँसे टूट रही है जीते जी ना भूलने का वादा जो था. …
मैं इक कच्ची कली हूँ आपके छूने से खिल जाउंगी मदहोशी कुछ इस कदर है मुझमें घूर के ना देखना कभी जो देखोगे तो गिर जाऊँगी शरारतें हैं कुछ …
छोड़कर यूँ ना जाओ हमें… हम भी कही दूर चले जायेंगे… दूर से यूँ ना तड़पाओ हमें… वरना हम भी तुम्हें तड़पायेंगे… एक बार गले से लगा लो हमें… …
तेरे बगैर अपनी जिंदगी कुछ यूँ है जैसे जान के बगैर बेजान इंसान… जब से तू गई है जिंदगी से मेरी तब से जिंदगी हो गई है वीरान… @नीलकमल …
मैं इक कच्ची कली हूँ आपके छूने से खिल जाउंगी मदहोशी कुछ इस कदर है मुझमें घूर के ना देखना कभी जो देखोगे तो गिर जाउंगी शरारतें हैं कुछ …
अब कुछ नहीं है लिखने को,,, इसका कारण है सिर्फ और सिर्फ वो… जिसको सोच कर, जिसको देख कर जिसके बातें जिसकी यादें मैं लिखता था अब उसी ने …
जिन्दगी छोटी है पर हर पल में खुश रहना सीखो,,, आज पनीर नहीं तो सिर्फ दाल खाके “खुश रहो” आज दोस्तों का साथ नहीं तो टीवी देख कर “खुश …