Author: नरेन्द्र कुमार
* संस्कृति-सभ्यता *संस्कृति मिट रही सभ्यता बढ़ रहामानवता छोड़ मशीनियत गढ़ रहा,भाईं भाईचारा का हुआ बट्टाधार चेहरे पर मुस्कान दिल में तलवार,घर-मकान के स्थान पर भवन बन रहाअब इनसान …
* शब्द का शब्दार्थ *शब्द का शब्दार्थ भिन्न हैया मानसिकता का है बिसात आइए आपको सुनाता हूँजीवन का एक बात,मित्र का मेहमान ने पूछाक्या करते हैंहमने कहा नौकरीउन्होंने पूछा …
* पैसा *पैसा से प्यार इजहार इकरार आज बना यह मुख्य व्यापार,पैसा से इज्जत पैसा से पहुंचकलजुग में यह अस्त्र अचूक,पैसा हर रास्ते का साधनआज का यह एक प्रमुख …
*अंधियारा*हमें अंधियारा पसंद हैजहाँ शान्ति का संगम है,बहुत लोग हैं इसे बुरा मानते बुराई का प्रतिक हैं इसे जानते ,सारे प्रकाश का यह केंद्र है सूर्य निर्माण में यह …
*यह अपना लोकतंत्र है मेरी जान*यह अपना लोकतंत्र है मेरी जान यहाँ घोड़ा गदहा एक समानभाड़ ढोए या रेस में दौड़ेंकिसी का भी नहीं रहेगी अलग पहचान,यह अपना लोकतंत्र …
माँ मुझे बच्चा रहना हैबड़ी-बड़ी बातें हमें नहीं करना सहिष्णुता-असहिष्णुता का पाठ हमें नहीं पढ़ना इमाईनुल , मोहन, रहीम संग खेलना है माँ मुझे बच्चा रहना है ।बड़ा हो …
उनसे बात हुई बहुत बार मुलाकात हुई एक दूजे को जाना पहचाना विचारों की आत्मसात हुई , वो बोली मैं कमसिन कली हूँ आप हो उम्र दराज माहाबली आप …
माँ मुझे बच्चा रहना है बड़ी-बड़ी बातें हमें नहीं करना सहिष्णुता-असहिष्णुता का पाठ हमें नहीं पढ़ना इमाईनुल , मोहन, रहीम संग खेलना है माँ मुझे बच्चा रहना है । …
रेला है भाई रैली है सभी जगह धकमपेली है, पार्टी नेता करते अहवान गाते अपना गुण करते जयगान , लोग भी गजब मूर्ख बनाते कुछ देहारी में कुछ बेरोजगारी …
गाँव टोला मुहल्ले में आज हुई है बाता-बाती चलो इसे किसी तरह और बढ़ाएँ चलो आग भड़काए लोगों को दो गुटों में बाटें उलटा-सुलटा समझाएँ चलो आग भड़काए भाई-भाई …
हमने न गीता पढ़ा न पढ़ा रामायण न पढ़ा मोहम्मद का कुराण और आयत, न मुझे शब्द ज्ञान न मुझे धर्म ज्ञान इनकी है जो वर्तमान स्थिती नहीं है …
प्रकृति ने ब्रह्माण्ड बनाया , सूर्य बनाया चाँद बनाया समुन्द्र और धरातल बनाया वन उपवन नदी झड़ना से इसे सजाया , अनिको जीव-जंतु यहाँ बसाया , हर प्राणी का …
भगवान हमें माफ करना हमारे जैसो को यहाँ न भेजना। हमें कुछ आता नहीं झूठा वादा किया जाता नहीं साठ-गाठ बैठता नहीं सत्ता के गलियारे में पहुंच बनता नहीं। …
तुलसीदास ने चौपाई लिखा , कबीर ने साखी सुनाई। जो होगा और हो रहा , सच्ची दिया बताई।। एक सगुनी दूजा निर्गुणी , दोनों ही राम को माने। कर्म …
वो समय न रहा , वो विचारगी न रही। तरक्की के नाम पर , वो सादगी खो रही।। वो रिश्ता न रहा , वो नाते न रही। खून-पसीना एक …
किसने क्या बनाया , इसका किसे है ऐहसास लोग कहते हैं इसने यह बनाया , उसने वह बनाया , वे झूठ बोलते हैं करते हैं बकवास , प्रकृति में …
कनक छड़ी सी कामनी सुन्दर वन की वासनी बोले ऐसे जैसे बुलबुल चले ऐसे जैसे हिरणी नाचे ऐसे जैसे मोरनी , उसका रूप है अनमोल सूरत सीरत का न …
* क्या कहूँ * क्या कहूँ किस से कहूँ व्यथित ह्रदय की बात सुनने को तो बहुत सुनते फिर उड़ाते हैं मजाक। क्या कहूँ हाले दिल का अपना हारा …
एक स्थान से चलना दूसरे स्थान पर जाना बीच में रुकना फिर अंतिम पड़ाव पर पहुचना सफर इसी का नाम है। किसी का सफर होता आसान किसी का होता …
ऐ दुनिया झूठी ऐ जग झूठा माया का ऐ खेल अनूठा , ऐ रिश्ते झूठी ऐ नाते झूठा स्वार्थ का ऐ खेल अनूठा , ऐ मान झूठी ऐ अभिमान …
माता वो हैं जिन्हें कुछ भाता नहीं अपने संतान के सिवा उन्हें कुछ सुहाता नहीं। खुद भूखा रहे संतान को खिलाए उनका पेट भरा है ऐसा वो जताए। संतान …
खड़ा-खड़ी वह बात करता नहीं सुनती किसी का बकवास कर्म में वह रखता विश्वास नहीं करता चिकनी-चुपड़ी बात कहते हैं वह बड़ा वो…. है। वह अपने कर्म में लीन …
क्या आप जानते हैं इस बात को मानते हैं लोग अपनी सभ्यता संस्कृति भूल पश्चमी संस्कृति को अपना रहे , अपना आन-बान शान छोड़ उसके धूल(तलवा) को चाट रहें …
देखो-देखो आया बसंत, प्रेम उल्लास लाया बसंत। अन्नपूर्णा इठला रही, खेत-खलिहान में लहलहा रही ।। सरस्वती भी आई हैं, ज्ञान गंगा बरसाई है । काम देव नाच रहा, प्रेम …
कोशिश से सब होता है जो सोता है वह खोता है। सतयुग की है ऐ कहानी एक नाव में मनु ने बचा ली जगत की निशानी। त्रेता की है …