है रात घनी , अँधेरा बड़ा Mradul 19/06/2020 अज्ञात कवि No Comments है रात घनी अँधेरा बड़ाबीच मजधार मुसाफिर खड़ाये लगे थपेड़े आंधी केदेख सामने है तूफ़ान बड़ाहै रात घनी अँधेरा बड़ाथा चला जीतने इंद्रधनुषथी पानी फ़तेह इन लहरों परतूफानों ने … [Continue Reading...]