Author: मो. जुनैद अहमद
ए वतन ए वतन ! शत-शत बार है तुझ को नमन, छोटी सी कली हम, तू है मेरा चमन. तेरे उर मैं कितने सितारे, तू है प्यारा गगन. अनेकता …
ये चिंता नहीं चिताएँ हैं . देश में अनेक समस्याएँ हैं. जिसका मुँह काला और कैरेक्टर है ढीला -ढाला, हर तरफ है उस करप्शन का बोल-बाला. जिसने देश का …
टूटा आस अब कहाँ बुझाएं प्यास ? बिखर गया आशियाना. छूट गया आवास . पूछ रहा बेज़ुबान. अए मनुष्य महान ? उठने की लालसा ने , तेरा कितना मानसिक …
हे भारत माता ! है मेरे दिल का ये अरमान, काश मैं भी होता सेना का जवान. हम करते हैं तुझसे दिलों-जां से प्यार, गर काम न आ सका …
अंदर का अंधकार मिटायें, धरती का तम दूर भगाएं. घनघोर निराशा अन्धकार छाई है, हर ओर अन्धकार आज भाई है. मर रही मानवता से ये तबाही है, चहूँ ओर …
नारी एक नज़रिया जीवन को समझने का ज़रिया पर दुर्भाग्य हमारी, जो अर्धांग्नी कहलाये उसे हम आज तक समझ ना पाये जबसे हुई तेरी प्रस्तुति करते आये सभी स्तुति …
jivan darshan