Author: Mayur Sindha
“लिखता तो वो आज भी है” उन दीनो भी वो उसके लिए लिखता था… इन दीनो भी वो सिर्फ़ उसके लिए लिखता है… वक़्त की बेरहमी और कुच्छ बेगाना …
कुछ पल के थे वो मौसम, कुछ वक़्त क लिए थे वो मौसम.. जो भी थे, अनमोल थे वो मौसम… जिंदगी कैसी है पहेली ना समज सका कोई.. कुछ …
” एक अनजान मुसाफिर….” जिंदगी के राह पर कुछ यूँ मुकाम आ गया लग रहा कोई पिछे रह गया… ना जाने वो कहाँ खो गया.. वो पिछे चलता गया …
आपसे है रिश्ता कोई…… जैसे खुदा का फरमान कोई.. चाहत मेरी आपके लिए बदनाम कहीं.. लेकिन दिल मे है तेरे अरमान कहीं.. जिंदगी का सफ़र एक तरफ़ा मेरा… चाहत …
एक तेरी याद……….. कुछ कही अनकही सी पहेली हैे मेरी जिंदगी के कुछ ऐसे मुकाम पे हूँ . कुछ बातें दिल में ही रह जाती है अनकही … ये …
तेरी एक मुस्कान ज़िंदगी बन गई ना जाने कब ये मेरी हमसफ़र बन गई कुछ तो है बात वो मेरी नजर चुरा ले गई ना चाहते हुये भी ये …
” एक सुन्हेरी शाम,तेरे प्यार के नाम कबसे था इंतज़ार लेकिन क्या पता था वो यूँही ढल जाएगी . एक सुन्हेरी शाम,तेरे प्यार के नाम” ” साथ यूँ तुम्हारे …
” बादलों में छुपी हुयी पानी की बूंदें …. रण की सुखी मिटटी में एक बूँद की आस .. ऐसे ही तेरे चहरे के होठों के नीचे छुपी हुयी …
” एहसास कुछ अनकहे सही, अनकही दिल की दास्तान, जिंदगी एक सुन्हेरी पहेली , सुन्हेरा ये आसमान .” “दिल तो हैं छोटा सा नादान चाहतें उसकी बेशुमार. दिल आज …