दिवाली के जश्न manisha 04/12/2014 अज्ञात कवि 1 Comment एक तरफ धूम थी,दिखती थी आतिशबाजियां दूजी तरफ गम था ,गिरती थी आँसूओ की बुँदिया , कोई खुश था दिवाली के जश्न मेँ , कहीं ख़तम हो रही थी … [Continue Reading...]