मेरा बचपन मुझे लौटा दो | kgulshan 14/04/2015 गुलशन कुमार No Comments खो गया हु इस भीड़ में कोई घर का पता बता दो, दुनिया की चकाचौंध में कोई अपनों से मिला दो, सूरज-चाँद धरती-अम्बर से यही विनती हु करता, मेरा … [Continue Reading...]
कुछ अल्फ़ाज़ लिखू| kgulshan 14/04/2015 अज्ञात कवि No Comments सोचता हु कुछ अल्फ़ाज़ लिखू, अपनी सपनो की की हर बात लिखू , जिसे देखा था मैंने सपनो में उस सपनो की हर वो बात लिखू । दूर बादलो … [Continue Reading...]