Author: कविता शर्मा
पास रह कर तो सब अपना बनते हैं.. तू मुझे दूरियों से अपना बना… खुशियाँ दे कर तो सब दिल में उतर जाते हैं तू मुझे जख्मो से अपना …
काफी दिनों बाद कलम उठाई है दिल में एक चिंगारी सी पनप आई है सोचा था छोड़ दूंगी ये कविताएँ लिखना मगर फिर से एक कविता जहन में आई …
एक ऐसे भारत की कल्पना करती हूँ.. जिसे कभी गाँधी के सपनों ने संजोया था उसको पूरा करने के लिए शहीदों ने प्यार का बीज बोया था….! ऐसे भारत …
माँ का सपना तो पिता का गुरूर बन जाती है बेटी..! जिस के जन्म से दुखी था परिवार उनकी खुशियों का कारण बन जाती है बेटी..!! जब जन्म हुआ …
देश मेरा आज़ाद हुआ पर धीरे धीरे बर्बाद हुआ कभी लूटा गोरो ने तो कभी नेताओं का शिकार हुआ देख कर ये दारुण चेहरे दिल में मेरे पड़ गए …