Author: karishma
क्यों होता है बार-बार पास रहकर भी पास न तुम, क्यों लगे जैसे कि यहीं कहीं हो तुम, ह्रदय में जो बसे तुम्हारा जो प्यार, हर बार तुम से …
जीवन की सच्ची कहानी, अभी तक न भूल पायी जैसे कल की बात है हुई, थे हम पाँच पढ़ाई करते हुए, कक्षा में मज़ाक भी करते हुए, फिर भी …
कब बंद आँखों से सपने देखने लग गयी? दोस्त तो बिछड़ गए, कभी सच्चाई का पता न चल सका, बैठी थी मैं अकेली सोच मैं पड़ गयी, क्यों हैं …
प्रेम से अलग की दुनिया?? कहना है तो बहुत आसान, छोड़ तो दो उसे, क्या करता है??ऐसा काम जो करे, तुम्हारे प्यार को बदनाम! माँ-बाप कहे तो कैसी है …
निहारती हुई…., आसमान को आज शाम को, देखती हुई ,बैठती हुई, इस सुन्दर सा आकाश जो, इस सुन्नेहले पल को कहीं थम न जाए, सूर्य को डूबती हूई…. देखती …
शाम का समय, शांत सा वातावरण, ठंडी हवाएँ का बहाव, तन,मन और ह्रदय का छू जाना, आसमान में काले काले बादलों के आकार को बदलते देख मैं, कुछ हैरान …