Author: Divya
मैने कभी नजरो से नजर लगते नही देखा, नजर लगे हुये को गिरते नही देखा, आज भी खुबसुरत कली फूल बन कर खिलती है, नजरो मे बंध कर इसे, …
मैने कभी नजरो से नजर लगते नही देखा, नजर लगे हुये को गिरते नही देखा, आज भी खुबसुरत कली फूल बन कर खिलती है, नजरो मे बंध कर इसे, …
जरुरी है जिन्दगी मे जख्मो क मिलना, जरुरी है युं चलते चलते गिरना, जिन्द्गी के रस्तो में ये भी जरुरी है.. जिन्दगी को समझने के लिये जरुरी है, इससे …
इबादत क्यों खाली लौट आती है मेरी? क्यों इस दिल की आह उस तक, पहुंच नही पाती मेरी? क्यों वो अन्जान हैं हमसे? क्यों फरियाद नही सुन पाते मेरी? …
एक चेहरा जिसे देखा नही मैंने, खींच रही हैं मुझको अपनी ओर, मैं रोक रही हुं मुझको,, वो पुकार रहे है अपनी ओर. ना जाने वो चेहरा कैसा हो? …
किस तरह जिये कोई तरकीब सुझा दो, मुझे अगर जीना है तो कोई वजह बता दो. ये सिसकिया, ये शोर, ये मातम.. सब कुछ छीन रहे है मुझसे, रह्ना …
अब हम नही कहते हमे मोहब्बत है तुमसे, ये मोहब्बत मुझमे बसी हो जैसे, खबर है तो मुझको तो बस इतना ही, नहि है कुक्ष भी मौजुद बिन उसके, …