Author: deveshdixit
दिल तो बच्चा है तभी तो सच्चा है कदम उठाने से कुछ भी पहले ये सबको आगाह करता है क्या अच्छा है क्या बुरा है ये अवगत उससे कराता …
आप सब को पढ़ कर मेरी प्रेरणा जागती है की कुछ लिखूं मैं भी कागज पर ये तमन्ना जागती है फिर खो जाता हूं अक्षरों के महासागर में और …
पिताजी की तबीयत खराब हुई स्थिति को देख लगा डर डॉक्टर से बात हुई कहा उसने ले आओ इधर हमने फिर एम्बुलेंस बुलाई पहुंच गए हम उधर भर्ती उन …
कविता मेरी ऐसी हो जिसे सुन सब गद – गद हो जाएँ चेहरे पर न कदापि रोष हो सुन कर सब वाह – वाह कर जाएँ कैसी भी कठिन …
असामाजिक तत्व जब आते हैं समाज में मचाते हैं हुड़दंग डराते हैं बेकार में अपनी धाक जमाने को आतंक ये मचाते हैं गुनाह पर गुनाह कर कानून को अंगूठा …
हवा चली शनै शनै बादल आए घने घने कुछ काले कुछ भूरे बादल ओड रखी हो जैसे धूल की चादर बिजली भी अब कड़कने लगी है गर्मी भी अब …
कैसे लिखूं मैं हास्य कविता सोचता बहुत हूं मैं पर बनती नहीं कविता क्योंकि गंभीर हूं मैं तभी लिखता हूं गंभीर कविता प्रयत्न करता हूं मैं कि लिखूं हास्य …
दिल की अपनी सुनना सुनकर उस पर विचारना विचार कर लय में लाना बहुत अच्छा लगता है शब्दों को फिर आगे चुनना चुनकर उसे पिरोना पिरोकर कागज पर …
बहुत बुरा लगता है जब कोई दिल तोड़ देता है लिखी हुई कविता पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है बहुत बुरा लगता है जब होती अधूरी कविता …
तुम हो तो सब कुछ है तुम्हारे बिना कुछ भी नहीं तुमसे ही मेरी दुनिया है साथ हो तुम तो न भटकूँ कहीं तुमसे ही मेरी मस्ती है हंसो …
कयामत आई कोरोना की कयामत आई नज़रबंदी की किसने सोचा था ऐसा होगा मनुष्य घर में पागल होगा कुछ सूझ नहीं रहा कुछ बूझ नहीं रहा कयामत की इस …
मैं पल दो पल का नेता हूँपल दो पल मेरी गद्दी हैपल दो पल मेरी सत्ता हैपल दो पल मेरा बुढ़ापा है मैं पल दो पल का नेता हूँपल दो …
सूखे पत्ते गिरे पेड़ सेहरे पत्ते लहराएडालियाँ भी झूमे ऐसेजैसे तिरंगा दिए फहराए झर – झर करते पत्ते गिरतेमंद – मंद मुसकाएडाली से छूटे ऐसेजैसे पंछी पिंजरे से उड़ जाए फूटी …
कोरोना ऐसी महामारीदेखो कैसी लाचारीपूरा भारत बंद करा कररख दिया इसने सब को डराकरदहशत का आलम छायानज़र बंदी से अवगत करायाये कैसी स्थिति ला दीसड़क पर हो गई कम …
वक्त बेवक्त तुम ही याद आती होमेरे दिल ओ दिमाग में कुछ इस कदर छाती होहौले से जब मुस्कराती होएक नशा सा कर जाती होतुम्हारे उस नशे में मैं …
तेरी मुस्कुराहट कोलबों पर आने देदेख कर उसकोमुझे मुस्कुराने देभंवरे की तरह मुझकोतेरे पास आने देजन्नत में महसूस करूं खुद कोवो बहार आने देनजदीक होकर भी तुझकोदूर देखूं मैंऐसा …
सदा यूं ही बरकरार रहेसब के चेहरे पर मुस्कुराहटजब भी किसी को हम देखेंहमारे चेहरे पर आए मुस्कुराहट आँखों में दिव्यता सी चमकमाथे पर आलोकिक तेजवाणी में मीठी सी झनकजैसे …
एक तो कोरोना का कोपऊपर से इंद्र देव का जोशबिन मौसम वर्षा का रोषकिसको दें अब इसका दोषईश्वर की माया बड़ी निरालीदेखो कैसे करें चालाकीवर्षा करके अत्यंत भारीसूर्य देव …
आपदाएँ आईं समेट कर ले गईंकुछ सपने कुछ रिश्ते कुछ धड़कनें ले गईंकुछ जमीन के नीचे ले गईंऔर कुछ साथ में बहा के ले गईंसुनामी आई बाड़ आईबादल फटा …
वक्त नहीं है अपनों के पासअपनों के लिएवक्त नहीं है दंपत्तियों के पासएक दूजे के लिए वक्त नहीं है बच्चों के पासमाँ बाप के लिएवक्त नहीं है दोस्तों के पासदोस्तों …
होली के रंगों में उठे सवालजिससे मच गया बड़ा बवालहैं इनमें गुलाब, गुब्बारे और पिचकारीजो नहीं लगे हमें हितकारीइनके सवालों से तो सांसद भी हुआ फेलएक दूजे पर दोष …
संध्या आती है जब सूर्य की लाल किरणों के साथदृश्य हो जाता है तब और भी अद्भुत और खासजिधर भी देखूँ वहाँ लालिमा नज़र आती हैचहुं ओर आकाश में बस …
फूलों की जिंदगी कितनी प्यारी हैजो की खिलते हैंमहकते हैंऔर महकाते हैंअद्भुत इनकी क्यारी हैजिन पर ये फूल लहलहाते हैं कुछ तो ईश्वर केचरणों की शान हैंकुछ शहीदों पर चढेबढ़ाते …
तुम मिले जबसे मेरी जिंदगी बदल गईतुमसे ही मेरी हस्ती बदल गईचाह थी जैसी मुझे वर कीतुममें वो झलक मिल गईलगता है ईश्वर की कृपामुझ पर बरस गईजब से …
कांटे रक्षा करें फूल कीये अपना फर्ज़ निभाएँसैनिक भी रक्षा करें राष्ट्र कीवे अपना धर्म निभाएँअस्मत लुटती औरत कीये कैसी सरकार चलाएँजरूरत है कठोर कदम कीक्यों न नेता अपनाएँजरूरत …