तू मरती रही…. Deep 12/05/2017 अज्ञात कवि 2 Comments ज़िन्दगी…..तू और वक़्तसाथ न हुए,तेरे होते वक़्त कटता रहा,वक़्त होते, तू मरती रही …ज़िन्दगी…वक़्त के साथ तेरी जीने की कोशिशेंजल गयी सब झुलसती रही…वक्त होते, तू सुलगती रही…राख में … [Continue Reading...]