Author: Ankur swet
दो बातें तो करलो, मन को परखलो, मन शुद्ध, तन मैला तो क्या है, कमल हूँ कमल सा दिल है मेरा, अगर कीचड़ में खिला हूँ तो क्या है । आसमां को मैं …
लल्ला मेरो जींस फटीभयी, महंगी कहकै लारओऐ मैया मेरी मत्था फोड़ै, कैसो फैशन आरओऐ बाल बनालए सिर्रिन जैसे, मौपे पोतलई लाली सी ख़ाली बस्ता कमर पै धल्लओ, ऐनक लैलई …
जबसे दूर तू मुझसे हुआ है ऐ मेरे हमदम, हर किसी बात में तेरा ज़िक्र आ ही जाता है; सुनकर भी तुझको अनसुना कर देता हूँ मगर, तेरा नाम मेरे मन की …
यार फिर बैठा हूँ कुछ लिखने, पर गालों पे शबनम और आँखें नम हैं, धुंधली हैं यादें धुंधला ज़माना, धुंधला है कागज़ धुंधली कलम है; जहाँ तक देख सकती हैं आँखें , …
तू सबका मुकद्दर, तू सबका पयम्बर, मैं ढूँढू तुझे हर, कदम-दो-कदम पर, दुनिया का कण-कण तुझही से बना है, ये चंदा ये सूरज, सब तुझमें समा है, कहे जो …
किसी के लफ्ज़ सुनने को, ये दिल बेताब है इतना; जितना तुम्हें मयखाने जाने का शौक क्या होगा; एक बार देखा था उसे, तो महीना फलक पर गुज़ारा था; …
उनसे मिलने की तमन्नाओं में अभी हम खोये थे कहीं, के उनकी पायल की झनकार का कुछ शोर-सा उमड़ा, हमने कहा ज़रा पास! ज़रा पास! और पास!, और पास …
तुम क्यों हुए शामिल मेरी तमन्नाओं में ज़ालिम, तुम्हें तो ख्वाब के भी ख्वाब में कहीं गुम हो जाना था, अगर अब भी कुछ शर्म-ओ-हया रह गयी हो दिल …
मेरी आँखों में देखोगी, तमन्नायें तुमको पाने की, तुम्हारे ख्वाबों पर ज़ालिम, हमेशा मर-मिट जाने की, मन में,दिल में,राहों में, फ़क़त तुम ही समायी हो, कहो किसने इजाज़त दी, …
गज़लों में गज़ल, क्या चहल-पहल, होती है जब वो गाते हैं, एक लता वृक्ष की पर बैठे वो प्यार का गीत सुनाते हैं, वो ठंडी-ठंडी तेज़ पवन को मधुर-मधुर …
कुछ वक़्त सांसें चलने दो मेरी, कुछ वक़्त निहारने दो; कुछ वक़्त जीत लेने दो खुदसे, कुछ वक़्त हारने दो; कुछ वक़्त आँखों में बहने दो नदियां, कुछ वक़्त …
जब दर्द से दिल भर आता है, मैं कागज़-कलम उठाता हूँ, तेरी याद सुर सुनाती है, मैं ताल मिलाता जाता हूँ। इस उम्मीद-ए-दुनिया में मैं, उम्मीद बचाता जाता हूँ, …
छोड़ दिया शायरियाँ सुनाना आपके इस दोस्त ने, गम भरी दास्ताँ को गाना आपके इस दोस्त ने, फिर भी कभी दिल करे तो आईयेगा शौक से, नहीं छोड़ा हाल-ए-दिल …
जब रात अंधेरी हो बलमा, घनघोर अंधेरा छाया हो, दिल सहमा-सहमा हो मेरा, मुझसे मिलने तू आया हो। दुनिया जगती या सोती हो, आँखें हसती या रोती हो, जब-जब …
एक ख्वाब सखी तू सुन मेरा, कल रात जो देखा था मैंने, एक चीख़ इश्क़ की सुनकर के, दिल बेबसी से लगा रोने, एक गोरी रोतीथी प्रेमी पर, आँखें …
माँ तुम काम सब छोड़ो, मैं खबर-ए-खास लाया हूँ; तुम्हें मंडप सजाना है, बहू मैं दूढ़ लाया हूँ। तुम तो येही कहती थीं, कोई मिलजायेगी काली सी; रोटी चार …