Author: आनन्द कुमार
कुछ लफ्ज तेरी यादों के आज पिरोता हूं आज भी तेरी यादों का स्यन्दन चलाता हूं समा जाती थी मुझमें आकर मेरे आगोश में स्पन्दन तेरे हृदय का आज …
जब तिमिर संसृति में अमा सा विस्तीर्ण क्रन्दन निरुपाय सा जल रहा विश्व अनल सा, संसृति हित नवीन उत्थान करायें आओ मिलकर दीप जलायें । विश्व इस समय विषाद …
जीवन संग रहें होली के रंग प्रेम प्रसंग।। 1 प्रेम मिलन खिल उठे नयन हर्षित मन ।। 2 मन्द पवन उड़ रहीं हैं लटें सम्भालती वो ।। 3 सुन्दर …
वह सुन्दर सी,कोमल हाथों में जब मेरे आयी पुलकित हुआ हृदय मेरा जब देखा चेहरे पर लालिमा छायी । प्यारा सा सुस्मित चेहरा लग रहा हो जैसे चन्द्रानन उत्ताल …
सच कहता हूँ मैं मेरी बात पर गौर करो बुरी संगत में पड़कर न अपने आप को बर्बाद करो । भूल चुके हो अपने आप को कि कौन हूँ …
उन बन्धनों को तोड़ना मुश्किल नहीं होता जो झूठे होते हैं चाहें वो प्रेम के हों या हृदय के जज्बात के । ये तो मोम के बन्धन होते हैं …
इश्क का दीदार हर किसी को नसीब होता क्यों नहीं शबाब-ए-हुस्न का ख्वाब हर किसी का पूरा होता क्यों नहीं । दिल-ए-नादां तू नासमझ है बिखर चुकी है मिरी …
जिन्दगी के हर एक पहलू से गुजरना पड़ता है , इन पहलुओं से वाकिफ़ नहीं होता इन्सान , पर इसकी हर एक छटा को निहारना पड़ता है । न …
देखो द्वार पर खुशियाँ हैं आयीं सूर्य का देख ‘छविजाल’ ‘तरनि-पुत्रि’ मुस्कायी, पुष्पों ने ‘पंखुड़ि-पट’ खोले अधरों से ‘मकरंद’ पियें ‘भँवरे’ देखो ‘कलिका’ रस भर लायी, उत्ताल करो हृदय …
“हम भारतवासी-हम भारतवासी” “न कोई हिन्दू , न कोई मुस्लिम” न कोई धर्म-राशी , “हम भारतवासी- हम भारतवासी” । हम तो हैं ,भारत की सन्तानें जाति-पाँति हम क्या जानें …
हे ! स्वतंत्र देश के वासी , ‘निश्छल’, ‘निष्पाप’ हृदय राशी जो दे गये तुम्हें ‘अमृत’ दान कर जोड़ करो “उन्हें प्रणाम”। जो मिट गये इस ‘भू’ पर आजादी …
हृदय में धड़कन की तरह धड़कते हो तुम रिमझिम-रिमझिम सावन की तरह बरसते हो तुम । हृदय की सौगात में पुष्पों की तरह सुगंधित हो तुम । और किससे …
चुभते हैं फूल भी हमें काँटों जैसे , जब उनकी बेवफ़ाई याद आती है , बयाँ हम कैसे करें उनकी ‘बे-मुरब्बत’ उनकी आँखों में मासूमियत सी नजर आती है …
हर किसी के प्यार पर ऐतबार करना मुश्किल है , हर वफ़ाई के बदले वफ़ा पाना मुश्किल है , प्यार की गहराईयों को महसूस करके तो देखो , हर …
आशिकों की तमन्ना होती है, सितारों को पाने की, हमारी तो तमन्ना है, सितारा बन जाने की । वो चाहते हैं कि, सितारों को तोड़कर, उनकी जमीं पर सजा …
मोहब्बत की कोई कीमत नहीं होती, इसमें दौलत की कोई अहमियत नहीं होती, सच्ची मोहब्बत तो आँखों से बयाँ होती है, इसके लिए किसी इम्तिहाँ की जरूरत नहीं होती …
दोस्ती में अगर प्यार का अफसाना न होता, तो अब तक “आनन्द” इतना खुश न होता, दोस्ती में वो ताकत है, जो आसमाँ को भी झुका दे, क्योंकि आसमाँ …
कह दूँ अगर इक-बात तो नाराज तो न होगे . . . जाम लेकर हाथों से तो न छलकाओगे , अपने अधरों से जिसे तुमने लगाया है , उस …
ओह ! वो पूरब के ‘व्योंम’, घिरते आते ‘घनश्याम’, जस सुबाम पश्च केशपाश , तस शुचि व्योंम पश्च घिरते घनश्याम । उमड़ि-घुमड़ि , चमकि-दमकि, विजन अम्बर में करते रोर, …
पिय को अपने प्रेम की चाहत है, मेरे यार को मेरे इन्तजार की चाहत है । साअत (घड़ी) आ चुकी है, प्रेम मिलन की, मुझे मेरे “नूर-ए-दीदार” की चाहत …
फूलों के दर्द को किसी ने नहीं समझा है, लोगों ने उन्हें सिर्फ मुस्कुराते हुए देखा है, ये फूल गम में भी मुस्कुराने की फिजा रखते हैं, हमने तो …
गर तुमने मुझे समझा होता ‘काबिल-ए-मोहब्बत’ तो छोंड़ न जाते मुझे ‘बीच-ए-समन्दर’ वक्त की जरूरत ने मुझे मरने न दिया नहीं तो डूब जाता मैं उसी में ‘ऐ -बे-मुरब्बत’ …
ईद मुबारक ‘ ईद मुबारक ‘जश्न-ए-सौगात’ मुबारक बनने लगीं सेवइयाँ मींठी ‘ मींठी हामिद ‘ ने सप्रेम से भेंटीं । मिलकर गले हम-सब घर को आये एकता ‘ का …
चल पड़ी जिस तरफ ज़िन्दगी मन्थर-मन्थर धूमिल पथ पर, कुछ फिसलती कुछ सम्भलती मुट्ठी से जैसे रेत निकलती ! सूर्य धुँधला सा, छिपा जा रहा बादलों में, सिमटती जा …
ये तड़प भी बड़ी अजीब होती है, पर क्या करुँ ? दिल को’अजीज’ होती है, छुप-छुप के मोहब्बत करने की जरूरत नहीं, हम तो’वर्णान्ध’हैं, ‘जुनून-ए-इश्क’के सफर में ।। -आनन्द …