Author: Karma Vaahini
तेरी हस्ती ने छुआ है या तेरे जज्बातों से वाबस्ता है ,कैसे कहूँ ? मुझे तेरा इश्क सुहाता तो है पर शिद्दत ए एहसास जगाता नही || कभी …
आँखें गूँगी, जुबाँ भी कुछ कुछ धागे सी बेजान है।सोच का पैमाना छोटा समझें या लफ्जों को नाकारा कह दें।। Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа …
इरादे नेक हों गर तो असर काफिरों की नमाज में भी होता हैचाहे आयतें तुम उस खुदा की इबादत में पढ़ लोया लाख टोटके तुम उसकी चापलूसी की आड़ में …
●मन के दरीचों से झांककर देखा जब यादों के तहखाने मेंकिसी बूढ़े दरख्त की सुखी सी टहनी पे झूलते,नजर मुझे मेरा बचपन आया।जहां उड़ते थे कागज के जहाज कभी,वो …
थकी आवाजें,आबरू बगल में,दकियानूसी का लिबास पहनता हूँ।नफरत का व्यापार लगा,सौदा रूहानी कलपुर्जों का करता हूँ।।बिखरी साँसे,खुद से अपरिचित,खबरेें जुबां पे परिंदों की रखता हूँ।इस ज़हान की नुक्ताचीनी और बातें …
छुपाकर आँखों से रूह के दरीचे पे एक ज़ज्बात रखा था।नाजुक ही सही,पर शख्शियत का तेरी उसमें पूरा हिसाब रखा था।। Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа …
ये जो खराशें हैं मेरी रूह की सूरत पेज़ख्मों का हिसाब तो नहीना ही गिनती मेरी शिकस्तों कीतरासा है मेरी शख्शियत को इन्ही खराशों नेये मेरी पहचान पे सवालिया …
1.शिकायतों की आड़ में इश्क़ की आबरू को नंगा हमने खूब किया।जब खामियाँ दिखने लगी खुद में तो आईना हमने बदल लिया।।2.यादों के तहखाने में खोजता हूँ जिसे वो …
१.गिरा दो ये इमारतें बंदिश की,रूह का लगाव इस जिस्म से अब सहा नहीं जाता।जलने दो रिवाजों के इस जर्जर मकान को धूँ धूँ करके ,जाहिलों की बस्ती में अब …
१.बिकना था सो बिक गए पर अरमानों के चूल्हे में जलती आग आज भी है।इश्क़ हो ना हो,आरजू तुझसे गुफ्तगू की,दिल के किसी कोने में बाकी आज भी है।।२. सदियो …
बड़े महंगे थे वो ख्वाब जो आज मुफ्त में बिक गए|एक दायरा बना के जिन्दगी का उसी में खप गये |परवाह थी कि चार लोग क्या कहेंगे ||जाना कहीं …
सुना है आपके यहाँ गधों के सींग होते हैं। जानवर तो जानवर, इंसान भी बस्ती रोज बदलते हैं।। सुना है आपके यहाँ लोग बड़े सुलझे होते हैं। नाले को …
कभी अतीत का जला हूँ तो कभी तंगहाली में पला हूँ।कवि हूँ साहेब, मैं लफ्जों के बाजार में बिका हूँ।।कभी क़लम की ढाल बना हूँ तो कभी स्याही के …
जो सिर्फ बोल बन कर वीरगाथाओं और गीतों में एक आवाज़ बन कर गूंज रही है, जो बस एक हिस्सा भर बन चंद पन्नो की किताब में शोला बन …
इस चाँद पे दाग नही होगा आँखों का भ्रम या फेरबदल इस मन का पर इस चाँद पे दाग नही । कितने ही दफे जला होगा चिरागो की राह में …
इन बिखरे हुए अल्फ़ाज़ों को समेट लूँ या चुप्पी का बेनाम हिस्सा बन जाने दूँ।इन बेगैरत पलों को सहेज लुँ या यादों का जहाज़ बनके उड़ जाने दूँ।इन कदमों …
कभी देख अपनी काबिल आँखों से ,सहमी इस दुनिया का सलीका |बन्दूक ताने लोकतंत्र की बातें करते ,जालसाजी लोगों का तरीका | नफरत का आलम इस कदर हैकि अमन …
दर्द ही दर्द छुपा है ज़िन्दगी में ,खुशियाँ कहाँ से ढूंढ लाऊं?गम की गठरियाँ हर किसी के पास ,किससे अपना गम बदल लाऊं ?झांकता हूँ जिसकी भी आँखों में …
टूटे हुए अल्फाज़ ही सही ,पर एक दास्तान तो है,ज़िन्दगी अधूरी ही सही ,पर एक फलसफा तो है|देखे हैं कितने ही वजूद मिटते यहाँ ,पर देखे हैं सिकंदर भी …
किस की तलाश है ,और क्या ढूंढ लाये हैंपूरा पाने की चाह में,एक हिस्से पीछे छोड़ आये हैं.कोनसी डगर किस ओर लेकर जाए,मालूम नहींमगर जो पगडंडी घर तक जाती …