माँ abhilasha 13/09/2013 अभिलाषा No Comments कभी माँ का श्रिंगार थी ये चूड़िया उसके आने की आहट उसकी मुस्कराहट थी ये चूड़िया पर आज माँ के करुड़ रुदन पर टूटकर बिखरी है ये ऐसे मानों … [Continue Reading...]