रक्षा-बंधन आने वाली थी इसीलिए मुन्नी के माता-पिता ने अपने बुआ-फूफा के यहाँ जाने का प्लान बनाया ! पर मुन्नी के पापा को व्यापार से सम्बंधित कुछ जरुरी काम आ पड़ा इसीलिए उन्होंने मुन्नी और अपनी पत्नी को अकेले ही उनके यहाँ जाने के लिए कहा और रक्षा-बंधन से पहले आने की बात की !!मुन्नी और उसकी माँ बुआ-फूफा के यहाँ दोपहर १ बजे पहुँच गये जहाँ वो घर में साफ सफाई कर रहे थे ! बुआ का बेटा चिंटू मुन्नी के उम्र का ही था और दोनों खुश थे कि अब खूब मस्ती करेंगे !! साफ सफाई करते हुए मुन्नी की माँ और बेटी भी हाथ बंटाने लगे ! कोई अलमारी पोछता,तो कोई फ्रिज,तो कोई टीवी,तो कोई गैस चूल्हा धो रहा था !!इतना करने के बाद मुन्नी और उसकी माँ फ्रेश हो गये ! और उनके बुआ ने उन्हें स्वादिष्ट भोजन दिए जो सुबह बनाये थे !! घर में साफ-सफाई से चूहे यहाँ वहां भाग रहे थे तो कॉकरोच भी अच्छे खासे दिख रहे थे !! शाम हो गयी और अब मुन्नी की बुआ ने हलवा बनाने का सोचा तब तक मुन्नी की माँ और चिंटू बाजार से आधे घंटे में आने की बात कहकर चले गये ! मुन्नी और उसकी बुआ ही सिर्फ घर पर थे ! उसके फूफा जी तो रात को ऑफिस से आते इसीलिए मुन्नी उनसे नही मिल पायी थी अब तक !! बुआ को एक फोन आया तब तक वो गैस-चूल्हा छोड़कर फोन उठाने चली गयी थी क्योंकि गैस-चूल्हा धोया गया था इसीलिए उसके होल्स में पानी व नमी सी थी !!कुछ देर बाद गैस अपने आप बंद हो गया ! क्योंकि बुआ फ़ोन में व्यस्त थी तो बुआ ने मुन्नी को रसोई में हलवा चलाने के लिए कह दिया !! मुन्नी जा ही रही थी कि देखा कि एक कॉकरोच रसोई में है !! उसे मारने के लिए उसने बुआ से मोर्टिन हिट माँगा ! बुआ ने इशारा करते हुए उसकी जगह बताई ! मुन्नी ने झट से कॉकरोच पर हिट स्प्रे कर दिया और कॉकरोच वही ढेर !! तभी मुन्नी की नजर गैस-चूल्हे पर जाती है और देखती है कि गैस तो जल ही नही रही !! उसने तुरंत लाइटर लिया और एक बड़े धमाके के साथ मुन्नी दुनिया को अलविदा कह गयी !! महज १५ मिनट में ये सब हुआ ! फोन का आना,कॉकरोच का आना,गैस का बंद होना ये सब मात्र संयोग भी कह सकते है य लापरवाही भी कह सकते है !! बुआ तो बच गयी लेकिन बेहोश जरुर हो गयी पर मुन्नी बुरी तरह जल गयी जहाँ उसने वही दम तोड़ दिया !! अब सवाल ये है कि आधुनिकरण के दौड़ में व्यक्ति हर किसीके सकारात्मक-नकारात्मक पक्ष पर ध्यान क्यों नही देता ?? क्या अगर मोर्टिन के ज्वलनशील गुण के बारे में मुन्नी को बताया गया होता तो मुन्नी ऐसी गलती करती ?? उसने तो मात्र भला ही चाहा और अपनी बुआ का आदेश का पालन मात्र ही किया था !! तो क्या इसमें बुआ की गलती है ?? किसी भी घटना के घटित होने के लिए एक व्यक्ति मात्र दोषी नही !! उसमे सभी घटक शामिल होते है !!इस घटना को रोका जा सकता अगर इन बिंदुओ पर ध्यान दिया होता !१- रसोई में कार्य करते वक्त सिर्फ उसी पर एकाग्र रहे न कि फोन य अन्य चीज से अपने आप को परेशान करे ! क्योंकि कई बार देखा गया है कि हर तरफ जैसे टीवी पर ,मोबाइल पर धयन देने से कभी भोजन में नमक कम,ज्यादा हो जाता है य चाय में चीनी ज्यादा,कम हो जाती है ! जरूरी नही इस घोर त्रासदी रूपी संकट हर किसीके लापरवाही से हो पर ये जरूरी भी नही कि न हो !! इसीलिए रसोई बनाते हुए अपना पूरा ध्यान उसमे दे न कि और किसी बातों पर !!२- अगर बुआ ने अपने घर में कॉकरोच का पहले से खात्मा कर दिया होता तो शायद ऐसा न होता ! आलस्य और स्वच्छता के प्रति कम रुझान भी इसके लिए जिम्मेदार है !!३- अगर मुन्नी को मोर्टिन के गुण-अवगुण से परिचित कराया होता तो वो अपनी समझ से कभी मोर्टिन स्प्रे छिड़कने के बाद लाइटर न जलाती !!ये कहानी काल्पनिक जरुर है पर आपको जागरूक करने के लिए काफी है !!होशियार रहे सावधान रहे !!
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Sundar
roz ham kuch na kuch aisa dekhte hain sunte bhi hain….par na jaane fir bhi ham careless kyoon hain……..aap ki rachna aise hi bhaavon ko ingit karti hai…..