1भ्रमित मनकलयुग की मायाझूठ का सया2राधा – मोहनदो तन एक जानकृपानिधान3मानुष तनअनमोल रतनलालच मन4प्यासी अखियासाजन बिन तेरेसपना देखे5मेघा गरजेबिजली चम – चमप्यास बुझाये6कजरी गायेझूमे सब सखियासावन आए
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बहुत खूबसूरत बिंदु जी …………अच्छा लिखा आपने ।
कुछ टंकण त्रुटिया व्यधा उत्पन्न कर रही है उन्हें देख ले जैसे झूठ की सया को बदलकर “झूठ का साया” व कजरी गए में “कजरी गाये” होना उचित है।
बहुत बहुत धन्यवाद निवतिया जी
अति सुंदर।
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सूंदर हाइकू. टाइपिंग मिस्टेक को ठीक करें.
प्रोत्साहित करने के बहुत बहुत शुक्रिया
Bahut sundar….
तहे दिल आभार
sabhi haaiku bahut khoobsoorat hain…..
बहुत बहुत धन्यवाद
Bahut sundar likha aap ne sharma ji
बहुत बहुत धन्यवाद
bahut hi sundar…………………..
तहे दिल सुक्रिया