आप यूँ ही अपनी नजरेकरम हमपे बनाए रखिए,ऐतबार की हर हद तक हम भी गुजर जाएंगे|यकीं ना हो तो बेहिचक आजमा लीजिये,ये वादा है हम फत़ह आपकी दहलीज पे लाएंगें ||
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बहुत सुन्दर पंक्तियाँ राकेश जी…………
मेरी रचना’ नाचे झूम झूम के ‘ भी पढ़िए ।
जरूर तिवारी जी
Very nice lines….
Very nice lines
शुक्रिया..
Kya bat hain
Sundar bhaavnaaen………..
सुन्दर भाव हैं…..आप शब्दों पे थोड़ा और गौर करें तो बेहतर हो सकता है जैसे…ऐतबार की जगह इम्तिहान या अंजाम की हद्द हो….
यहाँ मेरा तात्पर्य ‘विश्वास’ है ना कि परीक्षा या परिणाम, आप कृपया पुनः विश्लेषण कर सलाह दें |
अति सुन्दर .भाव अच्छे है ..बब्बू जी ने सही कहा है ……शब्द संयोजन पर थोड़ा गौर करे !
यहाँ मेरा तात्पर्य ‘विश्वास’ है ना कि परीक्षा या परिणाम, आप कृपया पुनः विश्लेषण कर सलाह दें |
यंहा मेरा तात्पर्य आपके शब्दों के अर्थ से न होकर………..शब्दों के उचित संयोजन व अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से है ……….यदि सुझाव से आपको कष्ट हुआ उसके लिये क्षमा करे !
वस्तुतः शब्दार्थ को पिरोकर ही पंक्ति अपने अगले मुकाम तक पहुँची हैं,इसलिए मेरा केन्द्र वही रहा है |समय देने व विशिष्ट विश्लेषण हेतू धन्यवाद |
पाण्डे जी आपकी बातों से मै बिल्कुल सहमत हूँ, पर बब्बू जी की बात में भी दम है… अंजाम… कुछ हद तक बेहतर है… बहुत सुन्दर..
बहुत सुंदर भाव हैं,
मेरी रचनाएँ “भिखारी” और “पूनम का चाँद” भी नजर करें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.