है एहसास की गम सेभरा है दुनियाहोकर यू मासूमसिसकता है हर कोईपर एक प्यार खुशी कोबिखरा कर तो देखोखुद मुस्कुरा कर तो देखो….रुका है हर कोईमंजिल की चाह मेंचिरक जाते है पैरगम की छाव में,मगरइन मायुसी में भीकभी गुनगुनाकर तो देखोखुद मुस्कुरा कर तो देखो…..है कोई अपना भी परना उनकी पहचान कोईइन हजारों के भीड़ मेंखुद को जता कर तो देखोखुद मुस्कुरा कर तो देखो….रचनाकार:-मु.जुबेर हुसैन
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एक अच्छी रचना की प्रस्तुति.. जुबेर जी
बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत आभार,,,,
bhut khoob juber ………………………
मुस्करा कर तो देखो सुन्दर कविता। आजकाल की भागमभाग जिंदगी में लोग मुस्कराना भी भूल गए है ,पर कवी ने याद दिलाया है।
जुबेर भाई आप तो मेरे प्रदेश के है संपर्क रखियेगा। मोबाइल नो 9732939088 .वैसे मेरा महेंद्र बेसरा जो से परिचय है संताली -हिंदी कवी है।,जो पाकुड़ के रहनेवाले है
ji hai…my contact number…. 9709987920
Bahut sundar…Juber ji…
Sundar
bahut khoob……….
अति सुन्दर