(क्षणिकाएं)१.बूँद फूल पे…लरजती सी…घबराहट में…ख़त्म होने की…२.माँ की आँखें सूनी…राह भी सूनी…सूने दिल की…आह लबों पे…३.भाव भंवर…तन कश्ती जर्जर…हिचकोले खाये…मन बेचैन…साहिल को…४.पथराई आँखें…सूनी सांसें…धड़कनें बेचैन…सुनने को…आहट….५.सफर ख़त्म….जमावड़ा लोगो का…उठाने को तत्पर….राही को….६.भावों का रोपण…ह्रदय का टुकड़ा…रौशन आँखें…‘चिराग घर का’..आने का…इंतज़ार…\????????????/आप सब की रचनाओं का….सी.एम्.शर्मा (बब्बू)
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भावों का रोपण…
ह्रदय का टुकड़ा
ati sunder, Babbu ji
तहदिल आभार आपका…….Raquimaliji…..
Ati sundar Babbu Ji ………
तहदिल आभार आपका……Madhukarji…..
Behad hi khoobsoorat lines h .
तहदिल आभार आपका….Anjaliji…..
Ati sundar ………….,
तहदिल आभार आपका……Meenaji…….
बहुत खूबसूरत ………एक नया प्रयोग…….!!
तहदिल आभार आपका…..Nivatiyaji…..
Bahut hi sundar
तहदिल आभार आपका…..Arunji…..
Bahut sundar…Sharmaji…
तहदिल आभार आपका……Anuji….
बेहद सुंदर रचना.
तहदिल आभार आपका……Vijayji…..
बहुत खूबसूरत सृजित अच्छी रचना… बब्बू जी..
तहदिल आभार आपका……Sharmaji…..
bhut sundar sir………….
……
…
तहदिल आभार आपका……Madhuji….
मंत्रमुग्ध करने वाली रचना वह भी नवीनतम प्रयोग के साथ
तहदिल आभार आपका…Chhote Lal Singhji…..