सावन की रात जो चंदानी आई हैबदली भी धूंधट में जान ले लाई है ।ऐसे लगता है जैसे परियों की रानीशरमा गई अगर तो पानी पानी हैं ।दूध सी उजली है तेरी ये चांदनीप्यारी कितनी तुम माधुमालिनि ।बादल गरजा और बिजली चमकीचंदन फूलों के जैसे ही महकी है ।मौसम रिमझिम यह शाम सुहानीशीतल हवा बहती ठंढ़ी मस्तानी है ।विरह की याद सबको दिलाती हैजो विछड़ा उसको भी मिलाती है ।कभी छुपता कभी दीदार हो जाताभीनी महक की यादगार पुरानी है । बी पी शर्मा बिन्दु
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bahut sundar……………….
बहुत बहुत आभार बब्बू जी
Ati sundar
Thank you very much for your comments
Bindu ji gender use gadbad hai. Chand is masculine gender. Similar corrections are needed at other places.
बहुत बहुत सुक्रिया शिशिर जी…
bhut khoob……………………………….
बहुत बहुत दिल से आभार मधु जी
अति सुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद सर्वेश जी…
बहुत खूबसूरत बिंदु जी ………….।
दिल से बहुत बहुत शुक्रिया निवतिया जी…
Bahut sundar…
बहुत बहुत धन्यवाद अनु जी…
बहुत ही खूबसूरत………. बिन्दु जी…….
काजल जी आपका तहे दिल सुक्रिया….