‘जल है जीवन’सूख जाएगा इक दिन पानी,करते रहे अगर तुम मनमानी।इसको बचाओ, मान लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।जल सबकी प्यास बुझाता है,फसलों को भी चमकाता है।इसकी महत्ता का ज्ञान लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।जल पर आधारित हैं सभी उद्योग,साफ-सफाई में है इसका प्रयोग।कीमत इसका पहचान लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।सब जीवों का जीवन है इससे,सबके घर में आंगन है इससे।इसको बचाने की ठान लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।सूखी धरा पर जब आता है,अमृत प्रेम सरस बरसाता है।इसके महिमा का भान लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।व्यर्थ करो ना जल को तुम,पछताओगे कल को तुम।जरूरत पर ही काम लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।उस दिन क्या हमारी अवस्था होगी,जिस दिन न पानी की व्यवस्था होगी।उस दिन का अनुमान लो भाई,’जल है जीवन’ जान लो भाई।रचनाकार-मु.जुबेर हुसैन9709987920
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paani ki importance darshaati aap ki rachna bahut sundar bhaav liye hai….prena deti hai….bahut steek hai…..
बहुत बहुत अभार सर,,,,,,
बहुत ही सुंदर……… लाजवाब…..
thanks….
जीवन के प्रति सचेत करती खूबसूरत रचना
thanks…..sir
Very nice
thanku….
Very nice effort Juber.
We should save water as much as possible.
thanks….
Lovely work…………
thanks Sir….
अच्छी रचना !
“पानी -कर्मयोगी ”
जल से ही जीवन कहते आये
पुरखे और पडोसी |
रिश्ते – नाते सब पीछे छूटेंगे
निर्मल जल बिनु रोगी |
पानी संचय किये बिना गर
बनकर बैठोगे भोगी ?
जब जल की माहामारी मचेगी
बचोगे कैसे कर्मयोगी ||