आज के व्यस्त जीवन में,अपने अंतर मन में झांके,और एक सवाल पूछे सभी, अपने आप से,क्या “मै” खुश हूँ?अगर जवाब में “हाँ” का अहसास होता है,बढ़ते रहे, जिस राह पे आप चल रहे है,अगर जवाब में “ना” का एहसास होता है,जीवन रूपी गाड़ी को, अपनी,थोड़ी देर विराम दे,खुद के लिए, कुछ पल भी निकाले,अपनी भावनाओ पे थोड़ा संयम रखे,बदले अपनी सोच को थोड़ी सी,समझे औरो के एहसास को भी,थोड़ा बदले, अपने जीने का तरीका भी,क्योंकि, रिश्ते हर पल नहीं बदल सकते हम|
अनु महेश्वरीचेन्नई
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हाहाहा….अनुजी….सबसे कठिन सवाल पूछ लिया आपने….ख़ुशी किस में है अगर यही पहचान जाए हम तो सब ‘नेचुरल’ हो जाएगा….बेहद खूबसूरत रचना आपकी………..
Thank You, Sharmaji…
बहुत सुन्दर अनु जी ………………शायद पूछते की जरुरत किसी को भी इसलिए नहीं पड़ती क्योकि जबाब सभी के पास है !
Thank You, Nivatiya ji…
ati sundar aur vaastviktaa se bharpoor.
Thank You, Shishir ji…
Kaphi gambhir sawal hain jo bahut kam log apne aap se puchh pate hain. bahut khoob anu ji
Thank You, Arun ji….
बहुत ही खूबसूरत………….
Thank You, Kajal ji…