कई बार रूलाते हैं अपने ही हस्ताक्षरकई बार हंसाते हैं,अब देखिएजब ज्वाईनिंग पत्र पर करते हैं हस्ताक्षरऔर जब…क्या ही मंजर होता है,जब अपने ही नाम डराते हैं कागजों पर पसरने के बाद।उन्होंने किए थेहस्ताक्षर और हो गयाएक बड़ा तक्सीमआ गए इस पार।हस्ताक्षर ही तो था,दोनों के बीच,तय करती सीमाएं,चीखेंरातों रात बंट गई थींदो अलग जमीन पर।हस्ताक्षर ही तो होते हैंजो दोनों को मिलती हैंऔर वो भी तो हस्ताक्षर ही होता हैजब मंजर ही कुछ और होताहस्ताक्षर में क्या रखा,
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत बहुत बधाई… बस आपने इसे पूरी नहीं की… मतलब उभरकार सामने नहीं आया…
achhi koshish………
bhut sundar rachana ……………………..
Bahut khub.,……………….
bohot bohot shukriya mere sathi jinne apni rai dee. Hausla badhya.
समझ रही हूं हस्ताक्षरों की विबड़ना