लालच ने बना दिया मटर से ऐसे अरहर दालमशीने बनी ऐसी, सेहत का हो गया बुरा हाल ।तकदीर किसान की ऐसी बिगड़ी कहीं पर मारे गये किसानबुजदिल है सरकार हमारी माया लोभ में फंसी कभी अकाललालच ने बना दिया मटर को—————————-।तेल सरसों जम जाता है तौल में कितना कम आता हैफल सब्जी इंजेक्शन का है मिलावट का है ये जंजाललालच ने बना दिया मटर को—————————-।सेंथेटिक और डिटरजेंट ने भी दूध का गला है घोटादवा पर जीना मरना अब डॉक्टरों का दिखे कमाललालच ने बना दिया मटर को—————————-।जोंक जैसा खून है पीता ठग चोर भी साथ में जीताभीड़ बड़ी घूसखोरी की घुमते हुए से दिखे दलाललालच ने बना दिया मटर को—————————-।महंगाई में न कोई मरौअत बचा रहे सब अपनी इज्जतकरोड़ो गया तो गम नहीं कोई लाख पर हुआ हलाललालच ने बना दिया मटर को—————————-।बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा बिन्दु
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Aaj ki paristhiti ko bayan karti…bahut sundar rachna…
सुक्रिया अनु जी.
bhut khoob ………saty kathn……..
……….
बहुत बहुत धन्यवाद मधु जी..
बिंदु जी आप मेरी पूर्व में प्रकाशित रचना “मिलावटों के दौर” भी पढ़े. मुझे उम्मीद है आपको पसंद आएगी. इसी वेबसाइट पर उपलब्ध है.
Thank shishir jee…. आप ने जो कहा मैं उसे देख ले रहा हूँ….
sundar rachna sharma ji
Tanks अरूण जी…
बहुत खूसूरत बिंदु जी ……….आपकी विचारशीलता बहुत कमाल है …………बस एक सुझाव है कि यदि आप प्रथम पद को ठीक कर ले तो लय बन जायेगी उदाहरणार्थ :
लालच ने बना दिया मटर को अब अरहर दाल
मशीने बनी ऐसी, सेहत का हो गया बुरा हाल !!
निवतिया जी एक बार फिर से देखें सुक्रिया…
सुक्रिया.. एक बार जरूर देखें…
बहुत सुन्दर ………….., समसामयिक परिस्थितियों का अच्छा आकलन ……….,
बहुत बहुत सुक्रिया मीना जी…
इहे न भटयुग आवे के सन्देश बा. बहुत सूंदर……………….
विजय बाबू अभी तो कलयुग के शुरुआत… देखा अब आगे का होता…
bahut sundar…………..
बहुत बहुत धन्यवाद बब्बू जी…