बिन सोचे, बिन समझे,कुछ तो, बिन पढ़े ही,आयी व्हाट्सअप मैसेज को,बस आगे, बढ़ा देते जो,अनजाने में ही, बहुत बड़ा,नुक्सान देश का, करते वो|हाथ जोड़ अनुरोध सबसे,पार्टी के भक्त, किसी भी,न बनें आप, भले ही,पुकार सुने देश की,आप सब, जनहित में,राष्ट्रभक्त जरूर बने|न बिगड़े, और देश का माहोल,इस बात का, रखें खास ख्याल|न हम सदा है,न तुम सदा हो,पर यह देश रहेगा हमेशा|सोचे जरा, बच्चो को अपने,कैसा भारत, सौपना चाहते?तरक्की करता, सर्वधर्म जहाँ हो समान,या अपनो के ही लहू से होता लहूलुहान?आओ सब मिल साथ अब,अफवाओं को फैलने से रोको,अपनों के ही, हित के लिए,बचालो इस प्यारे चमन को| अनु महेश्वरीचेन्नई
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उत्तम विचार ……………..वर्तमान में यह खूब प्रचलन में है …………पढ़ने और विचार करने की तो आदत ही नहीं ……बिना देखे सोचे समझे …आगे भेजने की प्रथा बन चुकी है !…………..मैंने स्वंय कई लोगो को इस पर टोका है ……….!!
Thank you, Nivatiya ji…
Sahi kaha aajkal yahi bhedchal ban gaya hai..
Thank You, Shivdutt ji…
Positive thoughts Anu ……….I appreciate your sentiments ……………
Thank You, Shishir ji…
VERY NICE
Thank You, Manoj ji…
मैं आपकी बात से पुर्णतः सहमत हूँ अनु जी…….
बहुत ही खूबसूरत…… बिलकुल सही कहा आपने….
Thank you, Kajal ji…
ACHHI VICHAR DHARA BAHUT SUNDER ANU JEE . SAMAJ KA NAZARIA HI BADALTA BADLTE WAQT PAR BADALTA JA RAHA HAI……
Thank You, Bindeshwar ji…
सुन्दर रचना
Thank You, Sarvesh ji…