Homeजिगर मुरादाबादीसाक़ी पर इल्ज़ाम न आये साक़ी पर इल्ज़ाम न आये विनय कुमार जिगर मुरादाबादी 26/03/2012 1 Comment साक़ी पर इल्ज़ाम न आये चाहे तुझ तक जाम न आये तेरे सिवा जो की हो मुहब्बत मेरी जवानी काम न आये जिन के लिये मर भी गये हम वो चल कर दो गाम न आये इश्क़ का सौदा इतना गराँ है इन्हें हम से काम न आये मयख़ाने में सब ही तो आये लेकिन “ज़िगर” का नाम न आये Tweet Pin It Related Posts कोई ये कहदे गुलशन गुलशन दिल को जब दिल से राह होती है कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे About The Author विनय कुमार One Response purshottam khandelwal 27/02/2014 Sahanshah e taghazzul Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Sahanshah e taghazzul