आज से दो दिन बाद विनोद और गीता के तलाक के आखिरी सुनवाई थी । गीता का ये सोचकर घबरा रही थीं कि जाने क्या होगा । गीता विनोद से तलाक लेना हरगिज नहीं चाहती थी । पर विनोद ने साफ साफ कह दिया था कि ” अब मैं तुम्हें अपनी जिंदगी में एक दिन भी बर्दाश्त नहीं कर सकता ” बस यहीं चिंता सताये जा रही थी तभी अचानक सांसू माँ का आना हुआ । ” कहने लगी कल हमारा पारंपरिक व्रत हैं रख लेना वैसे भी तू यहां कुछ दिनों के लिए ही है। भगवान् तुझे सद्बुद्धि देगा ” गीता मन ही मन सोचते लगी – व्रत करने से भगवान् सद्बुद्धि देता तो आज मेरे पास सद्बुद्धियो का भंडार होता। इस घर में आने के बाद कौन सा व्रत था जो मैंने नहीं किया। कभी पारंपरिक व्रत कभी जिम्मेदारी का व्रत तो कभी पति के इंतजार में व्रत । परंपरा के नाम पर तो वो भी किया जो करना नहीं चाहती थी । अब तो बस भगवान् पर ही आस्था टीकी हुई है । क्या पता तलाक से बच जाऊँ । घर पर कुछ महिलाओं के लिए भोजन रखा गया था। भोजन खत्म होते ही, हाथ में कुछ उपहार थमा कर सांसू माँ ने उनके पैर छूने को कहा । वो सबके पैर छूने लगी और शुरू हुआ आशिर्वादो का सिलसिला । किसी ने कहा ……. “सदा सुहागन रहो ।” किसी ने ….. “खुब तरक्की मिले तेरे पति को” ” तेरा परिवार खुशीयो से भरा हो “” तेरे घर में सुख शांति हो “” तेरा पति खुब कमाये “” तेरे बच्चे जिये “सब पति और परिवार को दुआएं दे गई । किसी ने नहीं कहा कि तुझे कुछ मिले । उम्र भर इसी परिवार के लिए तो जीती रही वो। गीता के मन में एक गहरी टीस उठी । शादी के बाद माँ बाप ने कहा ” अब ससुराल ही तेरा सबकुछ है । पति ही तेरा भगवान् हैं “उस पति रुपी भगवान् की सेवा करते करते 17 साल बित गये । पर वो कभी खुश नहीं हुए । हमेशा कहते रहे कि ” औरत का दिमाग घुटनों में होता है ” आज लगता है कि सचमुच होता है । तभी तो वो बिना फायदा सोचे अपना जीवन पति और बच्चों के लिए कुर्बान कर देती है । ” मेरा छाँट छाँट कर सब्जियां खरीदना, मोल भाव करना, दुर दुर जाकर अच्छी चीजें लाना, बहुत दुर तक पैदल चलना उन्हें मेरी बेवकूफी लगती थी ।” मेरा जल्दी उठना भजन गाना, घंटीयाँ बजाना उनकी नींद खराब करती थी । चुन चुन कर हर रोज़ पौष्टिक खाना बनाना ताकि उनकी सेहत अच्छी रहे उन्हें लगता था कि मैं कम पढ़ी लिखी हूंअच्छी चीजें बनाना नहीं जानती । हमेशा यही भावना लिए रही कि मेरा पति बहुत मेहनती है। दिन भर काम करके थक जाते हैं । नया आफिस जो खोला था उन्होंने । बच्चों की परवरिश का पुरा जिम्मा , पुरे परिवार की देखभाल जरुरत सब कुछ अकेले ही सम्हाल लिया ताकि पति अपने काम में खुब तरक्की कर सके । तरक्की तो कि थी खुब उन्होंने। नयी लड़की जो मिल गई थी जो उन्हें । जवान खुबसूरत स्मार्ट, हाईप्रोफाइल मै तो उसके आगे कुछ भी न थी और न ही कभी उसके जैसा बनने की कोशिश की । सांस ससुर ने भी विनोद को कुछ नहीं कहा । जब से सुना कि वो अमीर खानदान की इकलौती बेटी है । शादी के बाद बहुत सा दहेज और गहने लेकर आयेगी । वो भी विनोद की गलतियों पर पर्दा डाल सबसे कहते फिरने लगे ” गलती हमारी थी जो हमने कम पढी लिखी और बेवकूफ़ लड़की के साथ उसकी शादी कर दी । औरत के दर्द को एक मंहगे कार ने ढंक दिया था । चलो वो तो पराये थे । पर उसके खुद के दोनों बच्चे उसके न रहे । जब से पापा ने कहा था तलाक के बाद वे उन्हें बाहर अच्छी जगह पढने भेज देंगे । उच्च शिक्षा, खुला वातावरण, विभिन्न सुविधाएं , मोबाइल, लैपटॉप भला और क्या चाहिए आज के युवा बच्चों को। मैली कुचैली माँ उसकी ममता उसकी रोक टोक कहाँ तक भायेगी उन्हें । अपनो ने तो साथ छोड़ ही दिया था । बस भगवान् पर सहारा था । पर व्रत के मिले आशिर्वाद को सोचकर लगा कि अब उसने भी न कर दी है । औरत के किये हर अच्छे कर्म का फल पति बच्चे और उसके परिवार के लिए रख दिया और परिवार के बुरे कर्मों का फल औरत को दे दिया । ऐसे समाज में भला एक औरत कैसे जीत सकती थी ।दो दिन बाद कोर्ट का फैसला आया और एक औरत बिना गुनाह किये……. आज फिर हार गई ………… ” काजल सोनी “
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aap ki kahani dil ko chhu gayee . bahut ……bahut ….sunder
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका अरुण जी……
Atyant bhavuk. Khoobsoorat kahaani Kajal.
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका मधुकर जी…….
नारी जीवन के यथार्थ को इंगित कर समाज में फैली मानसिक विसंगतियो के प्रत्येक पहलू को छूती हुई , भावनाओं का सागर उड़ेलती हुई मार्मिक प्रसंग से परिपूर्ण बेहतरीन रचनात्मकता ।
कुशल लेखन का अच्छा प्रमाण ………बधाई हो ।
आपके उत्साह बर्धक और सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका निवातिया जी……….
sunder rachna
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका राम गोपाल जी…..
मार्मिक प्रसंग…………………………….बेहतरीन रचना.
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका विजय जी……..
kajal ji kaha se lati ha aap aise khayal bahut khoob ek aurat ki sachi aap biti jo wo kisi ko nahi bata pati ha aur pati bhi kabhi itni gaharie ma jaa kar nahi sochte naman hai aapko………..
आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया का तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका सुभाष जी….. और आपको भी मेरा नमन…..
Bahut sundar rachna…
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका अनु जी…..
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Behad umda…..Laajwaab….Maarmik chitran…
सुंदर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार आपका शर्मा जी…………….
nari ki bebasi ka yatharth chitran…………………….
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका मधु जी……..
Behad sunder …….,Marmik abhivyakti …………..,
तहे दिल से बहुत बहुत आभार आपका मीना जी…………
बहुत मार्मिक चित्रण
तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आपका Raquim ali ji….