ये रिश्ते ऐसे होते क्यों है कभी प्रेम अटूट सा ,कभी साथ छूटते क्यों है .जीवन के इन पन्नो पर ,रिश्ते ऐसे होते क्यों है .सीखते सीखते अपनी जिंदगी से ,ये रिश्ते दूर चले जाते क्यों है.माँ बाप के अलावा और रिस्तो का,मोल कुछ भी नहीं ,वक्त के साथ ये बदल जाते ही है .कोई रिस्तो की पहचान करा दे मुझे ,की ये रिश्ते ऐसे होते क्यों है .हर वक्त चहकने वाले रिश्ते ,गुमसुम से हो जाते क्यों है ,होकर गुमसुम ये भीड़ में ,खो जाते क्यों है .चलते चलते हम दूर निकल आते है ,शायद ये रिश्ते पीछे छूट जाते ही है. ये रिश्ते ऐसे होते क्यों है anjali yadav kgmu(lko)
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bahut badiya soch rishtey ke liye anjali jee aap rakhti hai ….. bahut sunder…. sabdo ka mel jol bhi thik……
अति सुन्दर अंजलि ……….दरअसल रिश्ते जो बन जाते है उनहे मिटाया नहीं जा सकता…….हाँ बदलते वक्त के अनुसार …स्वार्थ और अन्य कारणों से ……….व्यक्ति उन्हें स्वयं भूल जाता है..या सामने वाले के द्वारा भुला दिया जाता है !
Bahut sundar Anjali…Rishte aisa hi hote hai….
ha sahi kaha apne
…………….
Thanku mam
बहुत ही खूबसूरत……….. लाजवाब……
ati sundar anjali ……..
Behad khoobsoorat