नागफनी के बीच गुलाब
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वो जो नागफनी के बीच गुलाब खिला है।मेरी पाक मुहब्बत का नायाब सिला है।।
अहसासों के मधुर पलो से सींचा है इसेतब जाकर कही दिल को सुकून मिला है !!
तुम्हारी नजर में भले ही ये एक फूल होमेरे जिस्म-ऐ-शहर का ये दुर्लभ किला है !!
कोशिश न करना तोड़ने की तुम इसकोजिसने भी डाला हाथ, लहूलुहान मिला है !!
बड़ी शिद्दत से संवारा है इस गुलशन कोइसे और सवरने दो, अभी ये अधखिला है !!
गुल तो बहुत से खिले होते है गुलशन में मुर्दा भी जिंदगी मांगे, ये वो उर्मिला है !!
बद निगाहो से जो तांकता है ये ज़माना “धर्म” को बस एक इस बात का गिला है !!!!!
डी के निवातिया
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उर्मिला – जुनून की लहर
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Bhai waah nivatiya ji…….
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया शिशिर जी
क्या बात है………. बहुत ही बेहतरीन…
……………. लाजवाब रचना……..
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया काजल जी
बेहद खूबसूरत ………., मन्त्रमुग्ध करती ………,लाजवाब रचना …………..,,
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया मीना जी
जी चाहता है तारीफ में पूरी पेज ही लिख लिख कर भर दूँ….. लाज़वाब
आपके ये विचार ही हमे लिखने के लिए प्रेरित करते है ……..उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया बिंदु जी
Beautiful write…Nivatiya ji…
..उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया अनु जी
gajab sir gajab
..उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया अरुण
अति सुन्दर !
…उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया सर्वेश
behtrin nivatiya ji…………………bhut gajab………
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया मधु जी
बहुत ही सुंदर
उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया मनोज
क्या कहूँ मैं….मेरे पास ऐसा कोई शब्द नहीं जो रचना के आंकलन में कहूँ……….जलन होती है मुझे कभी कभी सच्ची…हाहाहाहाहा…..निशब्द हूँ….इतनी सुन्दर सोच….रचनात्मकता….शब्दों को पिरोने की कला….सब कमाल है….अनुपम….अप्रतिम……माँ सरस्वती का आशीर्वाद माँ लक्ष्मी और गणेशजी संग आप पर सदा बना रहे….जय हो…..
आपके इन खूबसूरत विचारो से ही हमे लिखने के प्रेरणा मिलती है ……आप ऐसे ही हौसला अफ़ज़ाई करते रहे ……आपकी जलन हमे सोने की तरह तपाने का कार्य करती है …..इस जलन को बनाये रखियेगा …..हा हा हा हा हा हा …आप जैसे गुणीजनों का सानिध्य हमे प्राप्त है इससे ज्यादा और हमे चाहत नहीं .बस अपनी नजरे इनायत बनाये रखियेगा ……..उत्साहवर्धन करती खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया बब्बू जी !!