1. छूट रहे हैं कुछ लोग,जुट रहे है कुछ लोग, कारवां हमारा यूँ ही बढता चला जा रहा है।
2. इश्क़ है खुदा को मुझसे,ऐसा मुझको लगता है खुशियाँ बांटी है सबको,पर गम मुझसे ही साझा किया है
3. अनबन हो गई है मुझको मेरे ही नसीब से,
गुम हो जाती है मंजिल आकर बहुत करीब से |
४. सारा जमाना हँसता है, देखकर मेरी हस्ती को रेतो पे चलाए जा रहा हूँ, जिन्दगी की अपनी कश्ती को ।
अच्छी सयारी विजय जी
धन्यवाद शर्मा जी
अति सुन्दर …………………….!!
धन्यवाद निवातिया जी |
बहुत बहुत ही खूबसूरत…….. लाजवाब…..
काजल जी आपके प्रतिकिया के लिए शुक्रिया |
1,4 bahut achche hain. 2,3 me ssudhaar kee aawashyakta hai
आपको मेरी शायरी पसंद आई इसके लिए धन्यवाद |
keval 3 me sudhaar ki aawashyaktaa hai.
कृपया कर आप मुझे त्रुटी विशेष पर ध्यान दिलाये.
भाव बहुत अच्छे हैं. गुणीजनों की बातों पर भी ध्यान दें.
आपके प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद |
Bahut khoob……..
धन्यवाद…………..
Bahut khoob
धन्यवाद मनोज जी |