आंखों की यह पलकें झपका के तो दिखासच बताऊ यह भी ना कर पाएगा।उस परमात्मा के कारण ही तेरा वजूद हैउसके बिना, मिट्टी में मिल जाएगा।यह पैसा, यह शरीर सब नाशवान हैंकुछ भी साथ ना जाएगा।मरने के बाद भी, कुछ लोगो की जरूरत होगीनहीं तो “सुखबीर” शमशान कैसे जाएगा।
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बहुत खूब………………
बेहतरीन& उम्दा,,,,,
shukbir jee very nice lines meri gazel arman padheyn……
अति सुन्दर ……………….!!
बहुत ही खूबसूरत……… लाजवाब पंक्ति……..
……………. Sukhbir ji…….
बहुत सही कहा है आपने |
Bahut sundar….
Bahut khoob…….
लाजवाब …………….
Shukria aap sab ka jo aapne apne vichar diye