गरम लू के थपेड़े भी बदन को ना जलाते हैं तेरी उल्फ़त के नगमों को जब भी हम गुनगुनाते हैंतू हँसती है तो लाखो फूल मिलकर खुशबू देते हैं जिसमें मदहोश हो के भंवरे अपना ग़म भुलाते हैना हीरों से ना पन्नों से ना शोहरत से ना महलों से खुशी मिलती है हमको जब तेरे पहलू में आते हैमुहब्बत करना आसां है निभाना है बहुत मुश्किलअपनी हर बात लेकिन हम तो शिद्दत से निभाते हैंभले ही धूप छाई हो और अँधेरे पास ना आएं तेरी यादों के साये लेकिन हमें अब भी सताते हैं शिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत ही सुन्दर………………
यादें अच्छी हों या बुरी पर साथ निभाती हैं
वक़्त के अकेलेपन में वही मन बहलाती हैं.
Haardik aabhaar Vijay ………….
Very nice pyar ke yadon ko taza karta hua bahut achhi pankti……….
Dhanyavaad Bindu Ji ………..
Bahut sundar…
Dhanyavaad Anu …………..
Bahut sundar rachna
Dhanyavaad Manoj …………….
ati sundar………….
Dhanyavaad Babbu Ji ………..
अति सुन्दर शिशिर जी …………….बस यूँ समझ लीजिये …..
किसी की मधुर यादो में जब गुम जाते है
वर्तमान को कुछ पल के लिए भूल जाते है
Tahe dil se shukriyaa Nivatiya Ji ………..
Ati Sundar ..Shishir ji
Dhanyavaad Ashish……………..
प्रेम को बेहतरीन रूप से दर्शाती एक उम्दा रचना. बधाई |
Bahut bahut shukriyaa Aalekh ……………
Bahunt sundar yaanden ……….,
Shishir ji yaaden padhiyega . tankan ashudhi ho gayi hai .
Tahe dil se shukriya Meena Ji …………..