ईश्वर को कहाँ ढूंढे रे बंदेईश्वर ही माँ का दूजा नामवो ही कृष्ण है वो ही राममाँ के चरणों में चारो धाम
उसी की गोद में बचपन बीताउसी ने मुझको पाला-पोषाउसने ही चलना सिखायाउसी ने मुझे बड़ा बनाया
मेरी हर गलतियों को माफ़ कियामेरी हर जिद को स्वीकार कियामेरे लिए उसने,सब कुछ कुर्बान किया
मेरी हर ख़ुशी में खुश हो जानामेरे हर दुःख में आँसु बहानामैं जब रुठु तो मुझको मनानाहर माँ की यही कहानी हैँ
भूखे रहकर मुझको खिलायापाल-पोष कर बड़ा बनायाउससे बड़ा नही कोई दुजाकर ले तू उसकी पूजावो ही कृष्ण है,वो ही राममाँ के चरणों में चारो धाम…
***********************पियुष राजदुमका,झारखण्डमो-9771692835
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Atyant khoobsoorat bhaav……..
good
badiya prayash piush jee………
अति सुन्दर ………………
Bahut sundar….
Maa ko smarpit bhaavon ko mera parnaam…………..
समस्त माताओं को मातृ दिवस की बधाई. माँ पर लिखी सभी रचनाएँ भावपूर्ण होती हैं अतः सभी खूबसूरत एवं सराहनीय हैं.
बहतु खूबसूरत …….!!